नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन (Chairman of the Central Board of Direct Taxes (CBDT)) की अध्यक्षता में एक बहु एजेंसी समूह पेंडोरा पेपर्स मामले (Pandora Papers case) की जांच की निगरानी करेगा। केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। आयकर विभाग ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
सीबीडीटी ने जारी एक बयान में कहा कि सरकार ने निर्देश दिया है कि पेंडोरा पेपर्स नाम से मीडिया में आने वाले ‘पेंडोरा पेपर्स लीक’ मामलों की जांच की निगरानी सीबीडीटी चेयरमैन की अध्यक्षता में एक बहु एजेंसी समूह करेगा, जिसमें सीबीडीटी, ईडी, आरबीआई और एफआईयू (वित्तीय खुफिया इकाई) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इन मामलों की प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के लिए सरकार विदेशी संस्थाओं के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़कर काम करेगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि भारत सरकार भी एक अंतर-सरकारी समूह का हिस्सा है, जिसके तहत इस तरह के लीक से जुड़े कर जोखिमों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सहयोग और अनुभव साझा किए जाते हैं। सीबीडीटी ने कहा कि अब तक कुछ भारतीयों (कानूनी संस्थाओं के साथ ही व्यक्तियों) के नाम मीडिया में आए हैं। बोर्ड ने कहा कि सरकार ने इस रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है और संबंधित जांच एजेंसियां इन मामलों की पड़ताल करेंगी और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ ने यह रिपोर्ट जारी की है। दुनियाभर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले ‘पेंडोरा पेपर्स’ में कारोबारियों सहित 300 से ज्यादा अमीर भारतीयों के नाम शामिल हैं। यह रिपोर्ट 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई है। हालांकि, इनमें से कई भारतीयों ने कुछ गलत करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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