बैतूल। यूरिया (urea) की कमी का फायदा उठाकर यूरिया के साथ सल्फर थमाकर किसानों को लूटने वाले खाद विक्रेताओं द्वारा अब यूरिया के साथ टॉनिक एवं माइक्रो न्यूट्रीएंट जबरदस्ती (Tonic and Micronutrient Force) देकर चांदी काट रहे हैं। निजी खाद विक्रेताओं द्वारा खुलेआम यूरिया के साथ ही जा रही टेगिंग के खिलाफ कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सख्त कार्यवाही नहीं करने के बाद किसानों को लूट से बचाने के लिए कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए थे। परिणाम स्वरूप शुक्रवार को बैतूल एसडीएम सीएल चनाप ने खेड़ी चिचोली रोड पर यूरिया खाद ले जा रहे किसानों के दस्तावेजों की जांच कर यूरिया के साथ टॉनिक एवं माइक्रोन्यूट्रीएंट की टेगिंग का पर्दाफाश किया। इस दौरान एसडीओ कृषि चेतन मातीखाय भी मौजूद थे।
किसानों से पूछताछ करने पर हुआ खुलासा
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को यूरिया की कालाबाजारी एवं यूरिया के साथ टेगिंग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर बैतूल एसडीएम सीएल चनाप ने शुक्रवार शाम को खेड़ी चिचोली रोड पर यूरिया खाद ले जा रहे वाहनों को रोककर दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर किसानों से जानकारी ली। किसानों ने एसडीएम को बताया कि वे बैतूल गंज के खाद विक्रेता परमानंद चंद्रगोपाल खण्डेलवाल फर्म से यूरिया खाद लेने गए थे। खाद विक्रेता द्वारा उन्हें बताया कि यूरिया खाद के साथ टॉनिग एवं माइक्रोन्यूट्रीएंट भी लेना पड़ेगा नहीं तो खाद नहीं मिलेगी इसलिए किसानों को मजबूरीवश यूरिया के साथ टॉनिक एवं माइक्रो न्यूट्रीएंट भी खरीदना पड़ा।
ये किसान हुए टेगिंग के शिकार
बैतूल एसडीएम सीएल चनाप ने यूूरिया के साथ टेगिंग के शिकार हुए किसानों का पंचनामा बनाया। एसडीएम ने बताया कि गढ़ा ग्राम निवासी ईश्वर सिंह, अवतार सिंह, बंटी चौहान, विजय सिंह तथा गौनीघाट निवासी जगन इवने, रामजी बेले, जौहरी परते, बरूसी इवने को खाद विक्रेता द्वारा यूरिया खाद के साथ जबरदस्ती माइक्रो न्यूट्रीएंट तथा सागरिका टॉनिक दिया गया है। किसानों ने बताया कि खाद विक्रेता के दबाव में उन्हें आवश्यकता नहीं होने पर भी 300 रुपए कीमत के 5 किलो माइक्रो न्यूट्रीएंट एवं 260 रुपए की एक बाटल सागरिका टानिक खरीदना पड़ा। एसडीएम ने बताया कि एक किसान को यूरिया खाद के साथ ही 260 रुपए प्रति बाटल मूल्य का 6 बॉटल सागरिका टॉनिक खरीदना पड़ा।
अनुशंसा के बगैर टॉनिक माइक्रोन्यूट्रीएंट डालना अनुचित
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक स्वाइल ट्रेस्टिंग के बाद यदि वैज्ञानिकों कृषि अधिकारियों द्वारा माइक्रोन्यूट्रीएंट डालने की अनुशंसा की जाती है तभी किसानों को उसका उपयोग करना चाहिए। टॉनिक की उपयोगिता के बारे में कृषि वैज्ञानिकों का साफ तौर पर कहना है कि आम तौर पर पौधा पोषण तत्व जमीन से लेता है। सिर्फ विशेष परिस्थिति में अनुशंसा के बाद ही फसल में टॉनिक का उपयोग किया जाता है। बगैर अनुशंसा के माइक्रोन्यूट्रीएंट एवं टानिक का उपयोग करना अनुचित है। इससे फसलों को कोई खास फायदा नहीं मिलेगा बल्कि किसानों का आर्थिक नुकसान होगा।
राजस्व अधिकारियों को दिए कार्यवाही के निर्देश: कलेक्टर
कलेक्टर अमनबीर ङ्क्षसह बैंस ने बताया कि निजी खाद विक्रेताओं द्वारा यूरिया खाद के साथ माइक्रोन्यूट्रीएंट टॉनिक सहित अन्य कृषि आदान सामग्री की टेगिंग की शिकायतें मिल रही थी परंतु टेगिंग करने वालों के खिलाफ कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रभावी कार्यवाही नहीं करने के कारण राजस्व अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं जिससे टेगिंग पर सख्ती से रोक लगाकर किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके एवं टेगिंग करने वाले निजी खाद विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो सके।
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