लखनऊ । उत्तर प्रदेश (UP) की बांदा जेल (Banda Jail) में बंद मऊ विधायक मुख्तार अंसारी (Mau MLA Mukhtar Ansari) को गाज़ीपुर एडीजे फर्स्ट कोर्ट से एक पुराने गैंगस्टर (Gangster Case) मामले में जमानत मिली है. मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के वकील लियाकत अली ने जमानत मिलने की पुष्टि की है. लेकिन इसके बाद भी अंसारी को अभी जेल में ही बंद रहना होगा. इसकी सबसे मुख्य वजह उनके ऊपर लगे तमाम मुकदमे हैं.
मुख्तार के वकील ने बताया कि सीआरपीसी की ‘धारा 436 ए’ के तहत जमानत के लिए गाज़ीपुर की जिला व सत्र न्यायालय की एडीजे फर्स्ट कोर्ट में अर्जी डाली गई थी. इसमें हाई कोर्ट का एक डायरेक्शन भी लगाया गया था. इस अर्जी में जेल में बंद विधायक की तरफ से लिखा गया था कि गैंगस्टर एक्ट (Gangster Case) में अधिकतम सज़ा 10 साल की है, जबकि उन्हें जेल में बंद हुए 12 साल से अधिक समय हो गया है. इसलिए धारा 436 ए सीआरपीसी के तहत उन्हें गैंगस्टर मामले में जमानत दे दी जाए.
मामले में मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अंसारी ने बताया कि मुख्तार अंसारी को इस मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन जमानत मिलने के बाद भी मुख्तार अंसारी अभी बाहर नहीं निकल सकेंगे, क्योंकि मुख्तार पर अभी कई मुकदमे लंबित हैं. मुख्तार अंसारी पर वाराणसी, मऊ और बाराबंकी आदि कोर्ट में केस चल रहे हैं, लेकिन ये सारे मुकदमे मुख्तार पर जेल में बंद रहने के दौरान 120 बी के तहत लगाए गए हैं. उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी को 25 अक्टूबर 2005 से जेल में बंद रखा गया है. मुख्तार अंसारी ने जेल से ही चुनाव लड़कर जीता है.
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