नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी ने के लिण् मिडिल ईस्ट की इंवेस्टमेंट कंपनियों के दरवाजे हमेशा खुले रहे हैं. मिडिल ईस्ट के इन शार्क टैंक का पैसा रिलायंस इंडस्ट्रीज में लगा है. अब दोबारा से दो कंपनियों ने मुकेश अंबानी को 12 12,864 करोड़ रुपए यानी 1.5 बिलियन डॉलर का चेक थमा दिया है. वास्तव में अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और केकेआर ने रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की वेयरहाउसिंग असेट्स में 12,864 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह इंवेस्टमेंट उस इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट से बाहर है, जिसे रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने पिछले साल अपनी रिटेल वेयरहाउसिंग असेट्स का लगभग आधा हिस्सा रखने के लिए बनाया था.
मार्च में, आरआरवीएल ने 11-12 मिलियन वर्ग फुट के वेयरहाउसिंग असेट्स रिलायंस लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउस होल्डिंग्स को ट्रांसफर की थी. जिसे दिसंबर 2022 में शामिल किया गया था. केकेआर और एडीआईए ने इस कंपनी में समान रूप से विभाजित 1.5 बिलियन का निवेश किया था. अभी तक ट्रांजेक्शन की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. जानकार लोगों की मानें तो इस खरीद को 7,075 करोड़ रुपए के सीनियर डेट, 5,275 करोड़ रुपए के एनसीडी जैसे इक्विटी के समान इंस्ट्रूमेंट्स और इक्विटी इंवेस्टमेंट के माध्यम से फंड किया गया है. इन कंपनियों का ऑपरेशंस और मेंटेपेंस रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड करेगी. जो मूल रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की 100 फीसदी सहायक कंपनी है.
आरआरवीएल ने पिछले साल अक्टूबर में 5,150 करोड़ रुपए के वेयरहाउसिंग असेट्स इंटेलिजेंट सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट यानी इनविट को ट्रांसफर की थी. गोदामों को एक स्पेशल पर्पज व्हीकल में पार्क किया जाता है जिसे इंटेलिजेंट सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता है. हालांकि, सेबी ने केवल आरआरवीएल को 100,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्रफल वाले गोदामों को उस इनविट में ट्रांसफर करने की परमीशन दी थी. साइज में छोटे असेट्स को आरएलडब्ल्यूएच में ट्रांसफर किया जाना था, जो कि इनविट नहीं है.
InvIT की तरह, KKR और ADIA सपोर्टिड कंपनी भी कम से कम 20 साल के लिए कैश फ्लो स्टेबल स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए RRVL और इसकी सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL) के साथ लॉन्गटर्म लीज एग्रीमेंट करेगी. हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि इसे लंबी अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भविष्य में केकेआर और एडीआईए का निवेश 2 अरब डॉलर तक जा सकता है.
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