मुंबई। वैश्विक महामारी के चलते देश की भयावहता को देखते हुए देश के सबसे अमीर शख्स और उद्योगपति, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोई वेतन नहीं लिया, हालांकि कोरोना संकट वाले साल में भी मुकेश अंबानी की अपनी नेटवर्थ लगातार बढ़ती रही है।
विदित हो कि मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अपनी सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से 12 वर्षों तक 15 करोड़ रुपये बतौर सैलरी ले रहे थे। यह सिलसिला पिछले से पिछले वित्त वर्ष और उससे पहले के 11 वर्षों तक चला, किन्तु बीते वित्त वर्ष (2020-21) में कोरोना वायरस महामारी की वजह से कारोबार और अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने पारिश्रमिक लेने को लेकर बहुत बड़ा फैसला किया। उन्होंने बीते वित्त वर्ष में वेतन के रूप में एक भी पैसे नहीं लिए हैं। कंपनी की एनुअल रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। हालांकि फिर भी उनकी कुल संपत्ति में इजाफे का सिलसिला अभी बरकरार है।
रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी ने बीते वित्त वर्ष में नहीं ली सैलरी 2008-09 से अंबानी ने अपनी सैलरी, भत्ते, कमीशन और अतिरिक्त सुविधाओं को मिलाकर 15 करोड़ रुपये लेने का ही निश्चित कर रखा है और सालाना 24 करोड़ रुपये छोड़ते रहे हैं, लेकिन, वित्त वर्ष में उन्होंने वह सैलरी भी नहीं ली है। गौरतलब है कि पिछले साल जून में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा था, ‘भारत में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए, जिससे समाज, अर्थव्यवस्था और राष्ट्र के औद्योगिक सेहत को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश डी अंबानी ने स्वेच्छा से सैलरी नहीं लेने का फैसला किया है।
हालांकि उनकी पत्नी और कंपनी बोर्ड की नन-एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर नीता अंबानी को सीटिंग फीस के तौर पर 8 लाख रुपये मिले हैं और कमीशन के तौर पर अलग से 1.65 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
गौरतलब है कि सैलरी नहीं लेने के बावजूद मुकेश अंबानी के पास एशिया के सबसे अमीर शख्सियत का ताज अभी कायम है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक अंबानी की कुल संपत्ति 6.07 लाख करोड़ थी, जबकि, एक हफ्ते पहले यानी 23 मई को उनकी कुल संपत्ति 5.62 लाख करोड़ रुपये थी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक मुकेश अंबानी के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज का 49.14% हिस्सा है।
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