नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Capitalization) 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है. कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाने का पूरा श्रेय चेयरमैन मुकेश अंबानी (mukesh ambani) को जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज देश के सरकारी खजाने के लिए भी अहम है, क्योंकि कंपनी सरकार के खजाने में लाखों करोड़ रुपए जमा कराती है.
जी हां, बीते 3 साल में रिलायंस ग्रुप ने सरकारी खजाने में 5.5 लाख करोड़ रुपए जमा कराए हैं. ये देश के किसी भी कॉरपोरेट द्वारा सरकारी खजाने में किया गया सबसे बड़ा योगदा न है. सिर्फ वित्त वर्ष 2023-24 में ही कंपनी ने सरकारी खजाने में 1,86,440 करोड़ रुपए जमा कराए हैं. रिलायंस एजीएम में मुकेश अंबानी ने कंपनी के अन्य फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की भी जानकारी दी.इसमें कंपनी के रेवेन्यू से लेकर उसके सीएसआर खर्च तक की जानकारी शामिल है.
रिलायंस का फाइनेंशियल स्टेटस
मुकेश अंबानी ने रिलायंस एजीएम में कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटस को लेकर बड़ी जानकारी दी है. वित्त वर्ष 2023-24 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 10 लाख करोड़ रुपए को पार कर चुका है. ऐसा करने वाली वह देश की पहली कंपनी है. वित्त वर्ष 2023-24 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का नेट प्रॉफिट 79,020 करोड़ रुपए रहा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2.99 लाख करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट किया है. ये देश के टोटल एक्सपोर्ट का 8.2 प्रतिशत है.
बीते 3 साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 5.28 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाली सिंगल कंपनी है. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने टैक्स के तौर पर 1.86 लाख करोड़ रुपए जमा कराए हैं. बीते 3 साल में ये 5.50 लाख करोड़ रुपए रहा है. कंपनी का कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) का वार्षिक खर्च वित्त वर्ष 2023-24 में 25 प्रतिशत बढ़ा है. ये 1,592 करोड़ रुपए हो गया है. जबकि बीते 3 साल में ये 4,000 करोड़ रुपए रहा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले साल 1.7 लाख नई नौकरियां सृजित कीं. उसके कुल कर्मचारियों की संख्या 6.5 लाख हो गई है.
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