नई दिल्ली: मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों का पहला भारत के लिए रवाना हो गया है. मालदीव की मीडिया ने सैनिकों की रवानगी की जानकारी दी थी. मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया था कि अड्डू शहर में तैनात लगभग 25 भारतीय सैनिक भारत के लिए रवाना हो गए हैं. एमएनडीएफ अधिकारी ने पुष्टि की कि सहमति के अनुसार, भारतीय सैन्य टुकड़ियों ने 10 मार्च से पहले देश छोड़ दिया. अधिकारी ने आगे कहा कि मालदीव में अन्य जगहों पर तैनात बाकी भारतीय सैन्यकर्मी भी 10 मई तक चले जाएंगे.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी यहां तक कि नागरिक कपड़ों में भी उनके देश के अंदर मौजूद नहीं होगा. उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था ति 10 मई को देश में कोई भी भारतीय सैनिक नहीं होगा, न तो वर्दी में और न ही नागरिक कपड़ों में. भारतीय सेना इस देश में किसी भी प्रकार के वस्त्र पहनकर नहीं रहेगी.
2 फरवरी को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा और प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च से शुरू हो जाएगा. मुइज्जू पिछले साल भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे.
शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने भारत से हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित द्वीपसमूह राष्ट्र से अपने कर्मियों को हटाने की मांग की थी. पिछले हफ्ते एमएनडीएफ ने चीन की सेना के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस डील के तहत चीन मालदीव को नॉन लीथल हथियार मुफ्त में सप्लाई करेगा. मालदीव में भारतीय प्लेटफॉर्म का ऑपरेशन अब असैन्य कर्मी करेंगे. ये असैन्य कर्मी पहले की तरह ही मालदीव में सहायता सेवाओं को जारी रखेंगे.
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