नई दिल्ली (New Delhi)। मालदीव (Maldives)के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू(President Mohamed Muizzu) का चीन (China)के प्रति झुकाव जग-जाहिर (The inclination is well known)है। इस साल की शुरुआत में मुइज्जू ने चीन की यात्रा(Trip to China) की थी, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने गिड़गिड़ाते हुए कई तरह की मांग की थी। चीन और मालदीव के बीच पर्यटन समेत 20 समझौते हुए थे। अब चीन ने मालदीव के लिए बड़ा ऐलान किया है। बीजिंग की दूत ने बुधवार को राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को आश्वासन दिया है कि चीनी सरकार हिंद महासागर में मालदीव की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मालदीव में चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने बुधवार को राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए चीन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
चीनी राजदूत वांग ने राष्ट्रपति कार्यालय में अपनी बैठक के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हम मालदीव के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और मालदीव के लोगों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू द्वारा की गई महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने के लिए मालदीव के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।” मुइज्जू के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि शिष्टाचार मुलाकात के दौरान, जब राष्ट्रपति और राजदूत ने इस साल की शुरुआत में मुइज्जू की चीन की राजकीय यात्रा के दौरान उजागर किए गए मुद्दों और सहमत मुद्दों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा की।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इस साल जनवरी महीने में चीन की यात्रा की थी, जहां पर कई समझौते हुए। बाद में सार्वजनिक किए गए समझौतों में से एक के अनुसार, मालदीव को चीन की सेना से मुफ्त गैर-घातक सैन्य उपकरण और प्रशिक्षण मिलेगा, मालदीव के शहरी और आर्थिक विकास के लिए चीन द्वारा पहले दी गई विशेष सहायता के विरुद्ध यह पहला ऐसा समझौता है। बुधवार को वांग ने मुइज्जू को आश्वासन दिया कि चीनी सरकार मालदीव की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
चीनी दूत के बयान में आगे कहा गया है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर प्रकाश डाला और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा मालदीव से जुड़े विशिष्ट बंधन और महत्व का उल्लेख किया। इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति मुइज्जू और राजदूत वांग ने मालदीव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग के तरीकों पर भी चर्चा की। पिछले साल 17 नवंबर को मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से अपने सभी सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का अनुरोध किया था, जोकि इस साल के मई तक मालदीव से वापस जा चुके हैं। इस मुद्दे के बाद भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई, जबकि चीन से मालदीव ने रिश्ता बेहतर करने की कोशिश की है।
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