मथुरा। प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के कानून हैं। राजनीतिक अस्तित्व खो रहे दल इस पर भ्रम फैलाने और बरगलाने में जुटे हैं लेकिन वो यह अच्छी तरह समझ लें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रहते किसानों का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।
ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने किसानों द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आलू से सोना बनाने वाले कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का विरोध कर रहे हैं। बिचौलियों के हितों की राजनीति करते आये राजनीतिक दलों को किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी सरकार की नीति पच नहीं रही है।
उन्होंने कहा कि वो भी किसान के बेटे हैं और किसान सभी का अन्नदाता है। देश के छोटी जोत के किसान मोदी के साथ हैं, क्योंकि उन्होंने बिचैलिया सिस्टम समाप्त किया है। अन्य किसानों में विपक्ष भ्रम फैला रहा है। एमएसपी और एपीएमसी मंडी व्यवस्था थी, है और रहेगी। कम कृषि योग्य भूमि वाले किसानों को कृषि सुधार कानूनों से कोई समस्या नहीं है। अन्य किसानों में भ्रम फैलाकर स्वार्थ की रोटियां सेंक रहा विपक्ष अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा।
प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि नये कानूनों से खेती में ज्यादा निवेश होगा। फॉर्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ उपज का समझौता होता है। जमीन किसान के पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना देना ही नही है। विपक्ष ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को 8 साल तक दबाये रखा। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है। प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं।
नये कानूनों से किसानों के पास अपनी उपज बेचने के विकल्प बढ़ गये हैं। किसानों को नए कानूनों के तहत पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गयी है। किसानों की भूमि की बिक्री, पट्टा या बंधक पूरी तरह प्रतिबंधित है। विवाद के निवारण हेतु स्पष्ट समय सीमा के साथ प्रभावी विवाद समाधान तंत्र भी प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसान हित में ऐतिहासिक कदम उठाये गये हैं। उत्पादन भी तेजी से बढ़ा है और एमएसपी भी लागत का डेढ़ से दो गुना तक हुई है। (एजेंसी, हि.स.)
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