नई दिल्ली: दुश्मन की आंखों को भेदने के लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) अपनी ताकत में इजाफा कर रही है. राफेल (Rafel) के वायुसेना में शामिल होने के बाद अब मध्यम दूरी की मिसाइलों सेना (missiles army) की ताकत बढ़ाने के लिए शामिल किया जा रहा है.
इसी कड़ी में शुक्रवार को मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम (MRSAM) (मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल) (medium range surface to air missile) को भारतीय वायुसेना को आधिकारिक तौर पर सौंपा जाएगा.
इस मिसाइल को भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए खास तैयारियां की गई हैं. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) एयरफोर्स में ही एमआरएसएएम मिसाइल बेस का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद रक्षा मंत्री जवानों से चर्चा व हौंसला अफजाई करने के बाद शाम करीब 5 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे. मंत्रियों के साथ ही वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी साथ रहेंगे.
बता दें कि इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा संयुक्त रूप विकसि इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह हवा में एक साथ आने वाले कई टारगेट या दुश्मनों पर 360 डिग्री घूम कर एक साथ हमला कर सकती है.
क्यों खास है ये मिसाइल
1. कई विशिष्ट क्षमताओं से लैस यह मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी मिसाइल, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, निगरानी विमानों और हवाई शत्रुओं को मार गिराने में सक्षम है.
2. 360 डिग्री घूम कर यह मिसाइल अपने दायरे में आने वाले कई हवाई दुश्मनों पर एक साथ हमला कर सकती है. बता दें, मिसाइल का 17 मई 2019 को नौसेना के जहाज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.
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