इंदौर, अमित जलधारी। शहर के बायपास पर बनने वाला थ्री लेयर फ्लायओवर कई मायनों में महत्वपूर्ण खूबियां लिए होगा। दूर से देखने से इसमें मुंबई के सी लिंक की झलक दिखाई देगी। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा यह केबल सस्पेंशन ब्रिज आठ पिलर और कुल 1100 मीटर लंबी आरई वॉल पर टिका होगा। ब्रिज के सबसे निचले हिस्से में दो हिस्सों में बंटा अंडरपास बनाया जाएगा, जहां से इंदौर-हरदा हाईवे के वाहन निर्बाध गति से गुजर सकेंगे। बीच का हिस्सा शहरी वाहनों और सबसे ऊपरी हिस्सा बायपास से गुजरने वाले थ्रू ट्रैफिक के लिए होगा।
ब्रिज के पिलर के लिए पाइलिंग टेस्ट पूरे हो चुके हैं। अक्टूबर से यह काम और तेजी से होने लगेगा। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) इस ब्रिज के निर्माण पर करीब 137 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। यह ब्रिज झलारिया और एमआर-10 जंक्शन को कवर करेगा। फ्लायओवर के दोनों किनारों पर 350-350 मीटर और मध्य भाग में 400 मीटर लंबी आरई वॉल बनाई जाएगी। एनएचएआई ने दिसंबर-24 तक ब्रिज निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि मध्यप्रदेश के किसी भी नेशनल हाईवे पर इतना लंबा केबल सस्पेंशन ब्रिज अब तक नहीं बना है।
इसी महीने से डायवर्ट होने लगेगा ट्रैफिक
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि पाइलिंग संबंधी कार्य पूरे होने के बाद अक्टूबर से दो चरणों में बायपास के मुख्य मार्ग का ट्रैफिक डायवर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पहले देवास से राऊ तरफ जाने वाले वाहनों को सर्विस रोड पर डायवर्ट किया जाएगा। फिर दूसरे चरण में राऊ से देवास की तरफ जाने वाले वाहन सर्विस रोड से गुजारे जाएंगे। यह व्यवस्था अब फ्लायओवर बनने तक जारी रहेगी। अब तक बेरिकेड लगाकर काम हो रहा था, इसलिए ज्यादा गतिविधि दिखाई नहीं दे रही थी, लेकिन अक्टूबर में काम में काफी गति दिखाई देगी। ब्रिज निर्माण का ठेका सतना की मल्होत्रा बिल्डकॉन कंपनी को दिया गया है।
अंडरपास में नहीं भरेगा पानी…दो संपवेल बनेंगे
– थ्री लेयर फ्लायओवर के सबसे निचले हिस्से में बनने वाले अंडरपास में बरसाती पानी जमा होने की शिकायत कभी नहीं होगी। अफसरों का कहना है कि इसके लिए कई तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। अंडरब्रिज के दोनों तरफ पानी की रोकथाम के लिए डिजाइनर शेड लगाए जाएंगे।
– जमीनी सतह से अंडरपास में घुसने वाली पानी की रोकथाम के लिए दोनों तरफ दो संपवेल बनेंगे। इनमें लगने वाले आन-आफ जॉकी पंप तय स्तर पर पानी भरने पर अपने आप चालू होंगे और पानी कम होने पर अपने आप बंद होंगे।
– अंडरपास के दोनों रास्तों पर 250-250 मीटर लंबी स्टॉर्म वाटर लाइन रहेंगी, जिनमें से होकर बरसाती पानी पास के नाले में बह जाएगा।
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