छतरपुर। भारतीय बाजार (Indian market) में जहां इलेक्ट्रिक साइकिल (electric bicycle) की कीमत लगभग 30,000 रुपये से शुरू होकर 60,000 रुपये से ऊपर जाती है, वहीं अगर 20,000 रुपये में एक इलेक्ट्रिक साइकिल मिले, तो है ना ये कमाल की बात। मध्य प्रदेश के छतरपुर (Chhatarpur) के एक 20 वर्षीय युवक ने एक ऐसी बाइक तैयार की है जो परफॉर्मेंस और फीचर्स के मामले में बड़े ब्रांडों के साथ मुकाबला कर सकती है। इस इलेक्ट्रिक साइकिल को आदित्य शिवहरे ने विकसित किया है और इसमें एक क्विंटल तक भार ले जाने की क्षमता है। खास बात यह है कि ये इलेक्ट्रिक साइकिल एक बार चार्ज करने पर 30 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।
आदित्य शिवहरे (Aditya Shivhare) ने इस इलेक्ट्रिक साइकिल को तैयार करने का काम बिलकुल जीरो से शुरू किया। प्रोजेक्ट को पूरा करने और इलेक्ट्रिक बाइक को आखिरी रूप देने में उन्हें लगभग एक महीने का समय लगा। यह एक बेसिक इलेक्ट्रिक साइकिल से काफी अलग है। शिवहरे ने इसमें एक्सीलरेटर, ब्रेक, लाइट और हॉर्न जैसे मॉडर्न फीचर्स शामिल किए हैं। नेविगेशन और अन्य कामों में इस्तेमाल के लिए स्मार्टफोन को लगाने के लिए इस ई-साइकिल में एक अलग स्टैंड भी दिया गया है।
शिवहरे ने इस इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में जब से बताया है कि यह शहर में चर्चा का विषय बन गई है। शिवहरे ने एएनआई को बताया, “आजकल एक गरीब आदमी बाइक नहीं खरीद सकता, जो हजारों-लाखों रुपये में बिक रही है, तो मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और उसका नतीजा है कि मैंने एक ऐसी साइकिल तैयार की है, जिसे हर कोई खरीद सकता है। यदि यह मॉडल बाजार में लॉन्च हो जाता है तो यह एक क्रांति ला देगी। इस ई-साइकिल मॉडल का नाम A1 है।”
शिवहरे ने पहले भी कई काम किए हैं जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रोत्साहन मिला और वे इससे प्रेरित रहते हैं। शिवहरे ने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि इससे पहले 16 साल की उम्र में मैंने बिना तार की बिजली तैयार की थी, जिसे न सिर्फ प्रदेश में बल्कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था। मैंने आज तक जीवन में जो कुछ भी सीखा है, मेरे प्रेरणा के स्रोत थॉमस अल्वा एडिसन हैं, जिन्होंने बिजली के बल्ब का आविष्कार किया था।” आदित्य शिवहरे का लक्ष्य अब अपने सपनों की इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने के लिए सरकार से मदद मांगना है ताकि ये सड़कों पर चले और लोगों की मदद हो सके। उन्होंने कहा, “यह मेरा सपना है कि सरकार उनकी मदद करे ताकि मैं इस परियोजना को आगे बढ़ा सकूं।”
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