वाशिंगटन। अमेरिका के तीन प्रभावशाली सांसदों ने देश में पाकिस्तानी राजदूत के तौर पर चुने गए मसूद खान के आतंकियों व इस्लामी गुटों से रिश्तों की जांच कराने की मांग की है। पाक ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका ने वाशिंगटन में राजदूत के तौर पर खान के नामांकन को मंजूरी दे दी है। इससे पूर्व एक अन्य अमेरिकी सांसद ने राष्ट्रपति जो बाइडन से मसूद का राजनयिक परिचय पत्र रद्द करने का आग्रह किया था।
पिछले साल अगस्त तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के तथाकथित राष्ट्रपति रहे खान को पिछले साल नवंबर में अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर नामित किया गया था। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड, सांसद स्कॉट पेरी, डब्ल्यू ग्रेगरी स्ट्यूब और मैरी ई मिलर ने नौ मार्च को लिखे पत्र में कहा कि पाकिस्तानी शासन से जुड़े घरेलू तत्वों के साथ खान के घनिष्ठ संबंध गंभीर चिंता का विषय है।
तीनों सांसदों ने कहा, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारी सरकार राजदूत खान के संबंध में विदेशी एजेंट पंजीकरण कानून (फारा) के किसी संभावित उल्लंघन की जांच करें। वह साफ तौर पर आतंकवादियों का समर्थन करते हैं और यह प्रशासन उन्हें राजनयिक वीजा देना चाहता है तो अमेरिकी लोग कम से कम विस्तृत जांच और जवाब देने की हमारी सरकार से उम्मीद करते हैं।
भारत को हाशिए पर लाने की कोशिश की
सांसद मेरिक गारलैंड, सांसद स्कॉट पेरी और डब्ल्यू ग्रेगरी स्ट्यूब ने कहा, पाक का सरकारी एजेंटों के तौर पर अमेरिकी तत्वों का इस्तेमाल का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, 2011 में वर्जीनिया के कार्यकर्ता गुलाम नबी फाई पर गुप्त एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगा था, जिसे फाई ने स्वीकार किया था। तीनों सांसदो ने पत्र में कहा, मसूद खान अमेरिका में भारत को हाशिए पर लाने की कोशिशों से भी जुड़े हुए हैं।
पाक को आतंक प्रायोजक देश नामित करने के लिए बिल
पेन्सिलवेनिया राज्यके एक अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजक देश के रूप में नामित करने का आह्वान किया है। कांग्रेस प्रतिनिधि स्कॉट पेरी ने एक बिल प्रायोजित किया है जो आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में और अन्य उद्देश्यों के लिए इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान को नामित करना चाहता है। इस बिल को अब यूएस हाउस कमेटी ऑन फॉरेन अफेयर्स के पास भेज दिया गया है।
पेशावर की शिया मस्जिद पर हमला करने वाले तीन आतंकवादी मारे गए
पाकिस्तान के सुरक्षाबलों ने पेशावर की शिया मस्जिद पर हुए आत्मघाती बम हमले के ‘आका’ मोहम्मद तारिक उर्फ खालिद और उसके दो साथी अब्दुल वाजिद व मुजफ्फर शाह को मार गिराया है। इसी गुट के लोग पेशावर में सिख हकीम की हत्या में भी शामिल थे। पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 64 शिया नमाजी मारे गए और 200 लोग घायल हुए थे।
हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट-खुरासन ने ली थी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवाद रोधी विभाग के जवानों, पुलिस और खुफिया एजेसियों ने मंगलवार रात जमरूद तहसील के गुरेजा इलाके में एक घर पर छापा मारा। उन्होंने कहा कि घर के अंदर मौजूद एक आतंकवादी ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए और चार भाग निकले।
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