नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि सांसद (MPs) जनसंपर्क अभियान के लिए (For Public relations campaign) सदन का उपयोग न करें (Should Not use the House) ।
ओम बिरला ने सांसदों को सदन की गरिमा बनाए रखने की नसीहत देते हुए ऐसे सांसदों को फटकार लगाई है, जो सदन की कार्यवाही के दौरान अपनी सीट से उठकर दूसरे सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के पास जाकर बातचीत, जनसंपर्क अभियान करते नजर आते हैं। सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान ऐसे सांसदों को नसीहत देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि कई सदस्य (सांसद) सदन में आकर यहां पर जनसंपर्क अभियान करते हैं। यहां से निकलेंगे (अपनी सीट से उठकर) और अलग-अलग (सांसद एवं वरिष्ठ नेता) सांसदों के पास जाकर मुलाकात करेंगे और बात करेंगे।
बिरला ने सोमवार को सदन में ऐसा करने वालों को सख्त लहजे में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “जनसंपर्क करने वाले वरिष्ठ सदस्य (वरिष्ठ सांसद) भी हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन अब अगर जनसंपर्क ज्यादा किया तो मैं उनका नाम लेकर पुकारूंगा।” वरिष्ठ सांसद को नसीहत देने के बाद लोकसभा स्पीकर ने मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों पर सदन में चर्चा के लिए पश्चिम बंगाल के जादवपुर से पहली बार निर्वाचित टीएमसी सांसद सयानी घोष को बोलने का मौका दिया।
अपने भाषण के दौरान जैसे ही उन्होंने अपनी पार्टी की नेता ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को धन्यवाद कहना शुरू किया, स्पीकर ने उन्हें भी संसदीय परंपराओं के बारे में नसीहत देते हुए कहा कि ये सदन है और सदन में इस तरह से ‘इन नेता और उन नेता’ को धन्यवाद नहीं दिया जाता, चर्चा के विषय पर ही बोला जाता है। टीएमसी सांसद ने नीति आयोग की बैठक की घटना के बारे में भी बोलने का प्रयास किया, जिसकी अनुमति स्पीकर ने नहीं दी।
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