बुंदेलखंड। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड (Bundelkhand of Madhya Pradesh) की अयोध्या ओरछा (Orchha) दुल्हन की तरह सजकर तैयार हो चुकी है। मौका है जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम राजा सरकार (Prabhu Shri Ram Raja Government) के विवाह महोत्सव का। भगवान श्रीराम का विवाह महोत्सव (Lord Shri Ram’s marriage festival) हर वर्ष तीन दिवस तक बड़ी ही धूमधाम और राजसी परंपरा संग बुंदेली संस्कृति के साथ मनाया जाता है। पहले दिन भगवान राम दूल्हा बनते हैं और उन्हें बुंदेली रीति-रिवाजों के अनुसार, पहले दिन गणेश पूजन के साथ भगवान को तेल व हल्दी चढ़ाई जाती है।
दूसरे दिन भगवान का मंडप सजाया जाता है और बुंदेली परंपरा के अनुसार भगवान के मंडप के नीचे महाभोज का आयोजन किया जाता है। तीसरे दिन भगवान दूल्हा बनते हैं और उनकी बारात पूरे राजसी ठाठ-बाट के साथ नगर में भ्रमण करती है।जहां नगरवासी भगवान का अपने-अपने घरों के दरवाजों पर भव्य स्वागत करते हैं, उसके बाद भगवान की बारात जानकी मंदिर पहुंचती है। जहां भगवान के विवाह की रस्मों को पूरा किया जाता है, विवाह की सारी रश्मों के बाद भगवान की बारात श्रीराम राजा मंदिर में आ जाती है।
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भगवान राम की नगरी ओरछा में सदियों से मनाए जाने वाले राम जानकी विवाह महोत्सव को लेकर नगर सहित बुंदेलखंड के लोगों में भारी उत्साह है। 16 से 18 दिसंबर तक आयोजित इस पारंपरिक विवाह महोत्सव की मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।इस पावन महोत्सव की मंगल बेला पर धार्मिक नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। 17 दिसंबर को रात्रि आठ बजे ढोल नगाड़े गाजे बाजों और राजसी ठाट-बाट के साथ श्री रामराजा सरकार की बारात राजसी वैभव के साथ निकालेगी जाएगी।
मंदिर से निकलते ही सशस्त्र पुलिस बल द्वारा दूल्हा बने राजाराम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।इसके बाद रामजी अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के संग पालकी में विराजमान होकर पूरे नगर वासियों को दर्शन देते हुए नगर के मुख्य चौराहे पर स्थित जनक भवन मंदिर के लिए निकलेंगे। साथ ही पूरी बारात में पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था रहेगी। महाभोज में करीब 50 से 60 हजार व्यक्ति महाप्रसाद को ग्रहण करने के लिए आते हैं। इसी को देखते हुए मंदिर प्रबंधन जिला प्रशासन और पुलिस ने अपनी सारी तैयारी को पूरा कर लिया है। भगवान के महाप्रसाद में पूड़ी, सब्जी, रायता और बूंदी का प्रसाद भक्तों को बैठाकर दिया जाता है। इतनी बड़ी मात्रा को देखते हुए तैयारियां भी पहले से शुरू हो जाती हैं, यह प्रसाद शुद्ध देसी घी से निर्मित होता है।
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