भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 13 नगर निगमों पर 320 करोड़ रुपए का कर्ज है। यह लोन मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (CM Urban Infrastructure Development Scheme) द्वितीय और तृतीय चरण के लिए लिया गया। इसमें भोपाल नगर निगम पर सबसे ज्यादा 60 करोड़ रुपए का कर्ज है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Leader of Opposition Govind Singh) के प्रश्न के जवाब में नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने विधानसभा में लिखित में जानकारी दी। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भोपाल नगर निगम ने मध्य प्रदेश शहरी विकास कंपनी लिमिटेड से 60 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।
वहीं, छिंदवाड़ा ने 50 करोड़ रुपए, ग्वालियर ने 37 करोड़, जबलपुर ने 30 करोड़, रतलाम ने 27.41 करोड़ रुपए, मुरैना ने 27.11 करोड़ रुपए, इंदौर ने 25.85 करोड़ रुपए, सागर ने 16 करोड़ रुपए, रीवा ने 10.40 करोड़ रुपए, देवास ने 10 करोड़ रुपए, कटनी और खंडवा निगमों पर आठ-आठ करोड़ रुपए का कर्ज है। वहीं, बुरहानपुर पर 7.82 करोड़ रुपए का कर्ज है। बता दें सतना, सिंगरौली और उज्जैन नगर निगम ने कोई कर्ज नहीं लिया है।
एमपी पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर 15,343 करोड़ रुपए का कर्ज है। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विधानसभा में लिखित में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि मध्य प्रेदश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर अंकेक्षित वार्षिक वित्तीय लेखों के अनुसार 31 मार्च 2022 की स्थिति में कुल 15,343 करोड़ का कर्ज है। इसमें से 15,05.82 करोड़ के कर्ज की राशि पर राज्य शासन द्वारा गारंटी दी गई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved