इन्दौर (Indore)। इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे के इंदौर-करनावद सेक्शन (Indore-Karnavad section) में मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) को भी कमाई दिखी है। इस कारण विभाग ने इंदौर के नेमावर रोड जंक्शन से करनावद तक करीब 28 किलोमीटर लंबे हिस्से को फोरलेन में बदलने का मन बनाया है। इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरू किया जाएगा। इंदौर-बैतूल फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत इंदौर-करनावद रोड नेशनल हाईवे से डिनोटिफाई होना है, क्योंकि नेशनल हाईवेज अथारिटी करनावद से इंदौर के एमआर-10 जंक्शन के बीच नया ग्रीन फील्ड हाईवे बना रही है।
एमपीआरडीसी के अफसरों का मानना है कि इस रोड पर ट्रकों की अच्छी संख्या में आवाजाही है। ग्रीनफील्ड हाईवे बनने के बावजूद करनावद से इंदौर के बीच मौजूदा सडक़ उपयोग में आती रहेगी। जिन ट्रकों और अन्य वाहनों को राऊ की तरफ जाना है, वे इंदौर बायपास आने के लिए इसी रोड का उपयोग करेंगे। भविष्य में इस रोड पर ट्रैफिक और बढऩे की संभावना है। एमपीआरडीसी इसीलिए फोरलेन रोड प्रोजेक्ट अमल में लाकर इस सडक़ को टोल टैक्स पर देना चाहता है।
स्थानीय अफसरों का कहना है कि करनावद रोड को फोरलेन में बदलने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि मुख्यालय से इसे मंजूरी भी मिलेगी। फोरलेन की डीपीआर बनवाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति मुख्यालय स्तर पर होगी। यह रोड बैतूल होते हुए नागपुर और उससे आगे कोलकाता को कनेक्टिविटी देगा। इसके साथ ही पितृ पर्वत से देपालपुर के बीच की सडक़ चौड़ी करने के लिए भी डीपीआर बनाई जाएगी। डीपीआर में प्रोजेक्ट की लागत, फोरलेन रोड के लिए जरूरी सरकारी और निजी जमीनों की जानकारी, पेड़, अतिक्रमण, बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर आदि सभी जानकारियां शामिल की जाएंगी।
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