नई दिल्ली/मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआाई) (Reserve Bank Of India (RBI)) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) (Monetary Policy Committee (MPC)) ने बढ़ती महंगाई (rising inflation) पर चर्चा के लिए एक बैठक की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां आयोजित एमपीसी की विशेष बैठक खत्म हो गई है।
रिजर्व बैंक ने जारी एक बयान में कहा कि एमपीसी की अलग से बैठक हुई जिसमें जनवरी से लगातार बढ़ती महंगाई पर चर्चा हुई। इस बैठक में महंगाई पर केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट को तैयार करने के लिए विचार-विमर्श हुआ। उस रिपोर्ट को केंद्रीय बैंक आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45जेडएन, आरबीआई एमपीसी के नियम 7 और मौद्रिक नीति प्रक्रिया नियमन, 2016 के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार को भेजेगा।
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में हुई छह सदस्यीय एमपीसी की इस बैठक में इसके सभी सदस्य रहे। दास के साथ माइकल देवव्रत पात्रा, राजीव रंजन, शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा भी शामिल हुए। आरबीआई अपनी रिपोर्अ में सरकार को बताएगी कि इस वर्ष जनवरी से लगातार तीन तिमाहियों में वह खुदरा महंगाई को छह फीसदी की संतोषजनक सीमा से नीचे रखने में क्यों विफल रही है।
उल्लेखनीय है कि देश में खुदरा महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर रिकॉर्ड 7.41 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, आरबीआई बढ़ती महंगाई को थामने के लिए नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है, लेकिन महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। इससे एक दिन पहले आरबीआई गवर्नर ने अपनी नीतियों का बचाव करते हुए कहा था कि अगर समय से पहले ब्याज दरों को सख्त करना शुरू कर दिया होता तो अर्थव्यवस्था में वृद्धि नीचे की ओर मुड़ जाती। (एजेंसी, हि.स.)
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