भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा के 26 अधिकारी जल्द ही पदोन्नत होकर आईएएस और आईपीएस अधिकारी हो जाएंगे। इसके लिए 10 सितंबर को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक संघ लोक सेवा आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय में प्रस्तावित की गई है। इसमें 78 अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली देखी जाएगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक के अलावा गृह और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने में विलंब की वजह से वरिष्ठता में पिछड़े कुछ अधिकारियों को इस बार मौका मिलेगा।
ये अधिकारी वरिष्ठता में पिछड़े
सूत्रों के मुताबिक विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने में विलंब की वजह से राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विवेक श्रोत्रिय, राजेश कुमार ओगरे, अरुण कुमार परमार और भारती ओगरे वरिष्ठता क्रम में पीछे आ गए थे। 1995 बैच होने के बावजूद इन्हें आईएएस संवर्ग नहीं मिल पाया। जबकि 1996 बैच के अधिकारी आईएएस बन चुके हैं। वरिष्ठता को लेकर इन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका भी दायर की थी। मामला अभी भी विचाराधीन है, लेकिन अब इनका क्रम आ चुका है। हालांकि विनय निगम एवं वरदमूर्ति मिश्रा वरिष्ठ होने के बाद भी वरिष्ठता क्रम में और नीचे होने के कारण संभवत: इस बार भी पदोन्नत नहीं हो पाएंगे।
ये अधिकारी हो सकते हैं पदोन्नत
बताया जा रहा है कि बैठक में पंकज शर्मा, केदार सिंह, राजेश बाथम, संतोष कुमार वर्मा, दिनेश कुमार मौर्य, विकास मिश्रा, अजय श्रीवास्तव, मीनाक्षी सिंह, कैलाश वानखेड़े, अमर बहादुर सिंह, मनीषा सेंतिया, नीरज कुमार वशिष्ठ पदोन्नत हो सकते हैं। इन्हें आईपीएस संवर्ग संभव उधर, राज्य पुलिस सेवा के आठ अधिकारियों को इस साल आईपीएस संवर्ग मिलेगा। गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसमें 1995-96 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के नाम पदोन्नति के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें यशपाल सिंह राजपूत, धर्मवीर सिंह, अरविंद कुमार तिवारी, प्रियंका मिश्रा, वीरेंद्र मिश्रा, प्रमोद कुमार सिन्हा, विजय भागवानी और राजीव मिश्रा को आईपीएस संवर्ग मिलने की संभावना जताई जा रही है। अनिल कुमार मिश्रा के खिलाफ सीआइडी जांच चल रही है, इसलिए उनका नाम पात्रता सूची में नहीं रखा गया है।
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