भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) सत्ता का चेहरा बन गए हैं. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले उनकी बड़ी अग्निपरीक्षा थी. इस अग्निपरीक्षा में वे सफल भी हो गए. बीजेपी (BJP) का कहना है कि जनता का भरोसा हम पर कायम है. यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव की है. एमपी में माहौल पूरी तरह तरफ भाजपा के पक्ष में दिखा. दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं. बीजेपी का कहना है कि जीतू सबसे असफल अध्यक्ष साबित हुए. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेता अपनी सीट नहीं बचा पाए. प्रदेश में कांग्रेस पर ताला लगने की स्थिति है.
मध्य प्रदेश में बुरी तरह पिछड़ने के बाद कांग्रेस अधिक पसीना बहाने की बात कर रही है. पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, बंगाल सभी राज्यों ने मोदी सरकार के खिलाफ जनादेश दिया है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को अपेक्षाकृत वह सफलता नहीं मिली, जो मिलनी चाहिए थी. पार्टी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसकी जिम्मेदारी ली है. कुछ समय पहले ही जीतू पटवारी अध्यक्ष बने. पदाधिकारियों ने कहा कि हम मानते हैं कि आगे और बेहतर करने की जरूरत है. आने वाले समय में मेहनत करेंगे. उसके बाद नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आएंगे. आने वाले समय में जीतू पटवारी और उमंग सिंघार का सशक्त नेतृत्व देखने मिलेगा.
लोकसभा के चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की सफलता को दोहराया है. राजनीतिक विश्लेषकों को मानें तो अब भी एमपी में लाड़ली बहना योजना का असर है. इसके चलते लगातार जनता का झुकाव बीजेपी की ओर बना हुआ है. दूसरी तरफ, यह भी साफ हो चुका है कि अगर प्रदेश में कांग्रेस को अपनी जड़ें जमानी हैं तो सड़कों पर लंबा संघर्ष करना होगा.
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