भोपाल। बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद अब मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी (Former Maihar MLA Narayan Tripathi) खुद की पार्टी विंध्य जनता पार्टी (VJP) से मैहर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। उनकी पार्टी को निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनाव चिन्ह दो गन्ना और एक किसान आवंटन (sugarcane and farmer allocation) भी कर दिया है। नारायण के करीबी सूत्रों ने बताया कि मैहर से वे खुद चुनाव लड़ेंगे। जबकि कई अन्य सीटों पर भी पार्टी प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे।
बता दें कि मैहर से चार बार विधायक निर्वाचित हो चुके नारायण 2003 में समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए थे। जबकि 2013 में वे कांग्रेस से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। इस बीच वर्ष 2009 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेसी विधायक होते हुए भी भाजपा का समर्थन किया और 2015 में विधायक पद से इस्तीफा देकर 2016 के उपचुनाव में वे भाजपा के टिकट पर लड़ कर चुनाव जीते।
साल 2018 के चुनाव में भी वे भाजपा से ही लड़े और चौथी बार मैहर से विधायक बने। लेकिन इस कार्यकाल में उनकी नजदीकियां कांग्रेस और तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से कुछ इस कदर बढ़ीं कि उनके तेवर भाजपा के लिए बगावती हो गए। वे भाजपा के विधायक रहकर भी भाजपा के साथ नजर नहीं आते थे। लेकिन इस दौरान न तो उन्होंने भाजपा छोड़ी और न ही भाजपा ने उन्हें छोड़ा।
भाजपा ने 2023 के चुनाव के लिए नारायण का टिकट काटकर पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर दो हजार 984 वोटों से उनसे हारने वाले श्रीकांत चतुर्वेदी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। भाजपा का यह निर्णय तो किसी को अप्रत्याशित नहीं लगा, लेकिन गुरुवार की रात कांग्रेस ने मैहर से नारायण की बजाय धर्मेश घई को उम्मीदवार घोषित कर न केवल नारायण को झटका दे दिया, बल्कि आम मतदाताओं को भी चौंका दिया। सियासी गलियारों में चर्चा थी कि नारायण की कांग्रेस में वापसी होगी और वे मैहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी होंगे। लेकिन गुरुवार को कांग्रेस की लिस्ट जारी हुई तो लोग हैरान रह गए।
दोनों ही प्रमुख दलों से निराशा हाथ लगने के बाद लोगों की निगाहे नारायण के अगले सियासी कदम पर टिकी थीं। लोग यह अटकलें भी लगाने लगे थे कि नारायण चुनाव लड़ेंगे भी या नहीं? इस बीच नारायण ने अपनी ही पार्टी VJP से मैहर से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। नारायण त्रिपाठी विंध्य पुनरोदय की मांग तो उठा ही रहे हैं, मैहर को जिला बनाए जाने के लिए भी उन्होंने लड़ाई लड़ी। कमलनाथ कैबिनेट में मैहर को जिला बनाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद भी वर्षों अटके रहे इसके क्रियान्वयन के लिए वे लगातार अपनी ही पार्टी भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री पर हमलावर होते रहे।
अंततः सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मैहर को जिला बनाने की घोषणा की, जिस वक्त यह घोषणा हुई नारायण मैहर में नहीं थे। वे 17 अक्टूबर को मैहर पहुंचे तो झुकेही से मैहर तक नारायण का शानदार स्वागत हुआ। मैहर नगर में उन्होंने पदयात्रा कर लोगों से मुलाकात की और जनसभा को संबोधित कर मैहर की जनता से हर वादा निभाने का अपना संकल्प दोहराया था।
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