गुना . मध्य प्रदेश (MP) के पंचायत मंत्री (Panchayat Minister) प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) ने गुना जिले के कंजा गांव में कूनो नदी (Kuno River) के उद्गम स्थल का दौरा किया और जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया. एक ग्रामीण ने कूनो उद्गम स्थल तक पहुंचने के लिए सड़क और तालाब निर्माण की मांग रखी. जवाब में मंत्री ने स्पष्ट कहा, “नई तकनीक आ गई है. अगर यह जगह तालाब के लायक होगी, तो बनेगा. नहीं तो तुम्हारी बात बिल्कुल नहीं मानेंगे. जितनी मिट्टी कूटनी थी, कूट ली गई है. अब कुछ नहीं होगा.” यह सुनकर ग्रामीण चुप हो गया.
पंचायत मंत्री ने पटेल कहा कि वे स्पष्टवादी हैं और सत्य को प्रमाण नहीं, प्रणाम की जरूरत है. उन्होंने बताया कि विभाग संभालने के बाद कुछ बातों पर आपत्ति जताई गई है. पौधरोपण के लिए अब गाइडलाइंस बनाई गई हैं. “जहां पानी और जगह होगी, वहीं पौधे लगेंगे. जब तक पौधों की सुरक्षा और पानी नहीं होगा, वे पेड़ नहीं बन पाएंगे. सिर्फ टारगेट पूरा करने से काम नहीं चलेगा.”
पटेल ने आगे कहा कि जियोलॉजिकल डेटा के आधार पर ही खेत-तालाब निर्माण किए जाएंगे, क्योंकि हमारे पास केवल सतपुड़ा विंध्याचल जैसे पर्वत हैं, इसलिए बर्फ से पानी नहीं मिल पाएगा, बल्कि पानी पौधों से ही मिलेगा.
प्राचीन मूर्तियों से हैरान मंत्री
कूनो उद्गम स्थल के पास 9वीं शताब्दी की प्राचीन मूर्तियां देखकर प्रहलाद पटेल हैरान रह गए. उन्होंने कहा, “ये परमार वंश के समय की हो सकती हैं. केंद्रीय संस्कृति मंत्री रहते हुए मुझे पत्थर की मूर्तियों का ज्ञान है.”
स्पष्टवादिता पर सवाल
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी स्पष्टवादिता से राजनीति में दिक्कत नहीं होती, तो उन्होंने जवाब दिया, “मेरे गुरु ने कहा है, ‘सत्य को प्रमाण की नहीं, प्रणाम की जरूरत है.’ इसलिए मैं ज्यादा नहीं सोचता.”
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