धार: मध्य प्रदेश का धार जिला (Dhar district of Madhya Pradesh) हमेशा बसंत पंचमी के दिन पूरे देश को याद रहता था क्योंकि यहां धार भोजशाला (Dhar Bhojshala) है और सरस्वती पूजा को लेकर यहां तनाव रहता है. इसी धार जिले में कौमी एकता (national unity) को मजबूत करने वाला वाकया सामने आया है जहां मोहर्रम के जुलूस (Muharram procession) के दौरान कव्वाली गाई गई जिसमें महाभारत के गीता श्लोक (Gita Shlokas of Mahabharata) को भी गाया गया.
भले ही देश में आज हिन्दू-मुस्लिम (Hindu-Muslim) में कटुता का खेल चल रहे है और आपस में विवाद पैदा किए जाने की परिस्थितियां बनाई जा रही हो किन्तु धार के पास गांव गुणावद में मोहर्रम के जुलूस का एक वायरल वीडियो ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को ओर मजबूत किया है. दरअसल, इस वीडियो में मुस्लिम समाज के आयोजित 10 दिवसीय मोहर्रम पर्व समापन के जुलूस के दौरान बैंड बाजे वाले गायक ने कौमी तराने की बजाय महाभारत के टाइटल सॉन्ग ‘यदा यदा ही धर्मस्य’ गाकर दाद बटोरी. साथ ही भगवान शंकर के नाम से जोड़कर कव्वाली गाते वीडियो सामने आए.
इस दौरान मुस्लिम कव्वाल कई देशभक्ति के तराने गाते भी नजर आए और इस कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्र में सांप्रदायिक एकता की अनूठी मिसाल पेश की है. क्षेत्रवासियों से इस मामले पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उनके गांव में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समाज के लोग शुरू से परिवार की तरह रहते हैं. हर तीज त्योहार साथ में मनाते हैं और एक दूसरे के सुख- दुख में साथ खड़े रहते हैं. यहां पर आज तक कोई भेदभाव धार्मिक आधार पर नहीं हुआ. हम सभी मिलकर एक दूसरे के धार्मिक त्योहारों में शामिल होते हैं तथा ऊपर वाले ने भी हमें भेदभाव नहीं सिखाया है. वह भी एक रूप में ही है.
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