छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा (Chhindwara) में एक निर्माणाधीन कुएं के धंसने से तीन मजदूर मलबे में दब गए, 22 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में तीनों को नहीं बचाया जा सका। करीब 22 घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद एनडीआरएफ की टीम ने उनके शव कुएं से निकाले। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपे जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मजदूरों की मौत पर दुख जताया है। उनके परिजन को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात भी कही है। छिंदवाड़ा जिले अंतर्गत ग्राम खूनाझिरखुर्द में निजी जमीन पर पुराने कुएं के गहरीकरण के दौरान मिट्टी धंसने से हुई दुर्घटना में 3 मजदूरों की असामयिक मृत्यु का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है।
बता दें कि छिंदवाड़ा के खुनाझिर खुर्द गांव में ऐशराव वस्त्राणे के खेत में कुएं को गहरा किया जा रहा था। इसके लिए राजस्थान और भोपाल की टीम को ठेका दिया था। रायसेन और बुधनी से मजदूर यहां काम करने आए थे। मंगलवार दोपहर करीब 4 बजे खुदाई के दौरान ऊपर से मलबा और पत्थर नीचे आ गिरे। मां-बेटे समेत तीन मजदूर इसमें दब गए थे।
दरअसल, शहर के पास खुनाझिर खुर्द गांव में एक पुराने कुएं की मरम्मत का काम चल रहा था। मंगलवार को अचानक कुआं ढह गया। कुछ मज़दूर वक़्त रहते बाहर निकल आए, लेकिन तीन मजदूर मलबे में दब गए। इनमें एक महिला और दो पुरुष शामिल थे। हादसे के बाद से ही बचाव कार्य जारी था। एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी बचाव कार्य में लगा हुआ था।
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