उज्जैन। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में 3 विदेशी जोड़ों की शादी (Marriage of 3 Foreign couples) चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेरिका (America), इटली (Italy) और पेरू (Peru) से योग सीखने आए विदेशियों को भारत की संस्कृति (Culture of India) ऐसी रास आई कि उन्होंने सनातन धर्म (Sanatan Dharma) को अपना लिया। साथ ही तीनों विदेशी कपल ने हिन्दू रीती रिवाज से विवाह भी रचाया।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में 3 विदेशी जोड़ों ने हिन्दू रीती रिवाज से शादी की। उन्होंने निमंत्रण कार्ड भी छपवाए और परिचितों को देकर आमंत्रित भी किया। इस विवाह में मेहंदी और हल्दी इंदौर में हुई और विवाह उज्जैन के एक आश्रम में हुआ। बताया जाता है कि तीनों कपल इंदौर के परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड रिसर्च इंडिया में योग प्रशिक्षण लेने इटली, अमेरिका और पेरू से आए थे। योग के प्रशिक्षण लेने के दौरान इन्होंने एक-दूसरे को ठीक से जाना और जिंदगी भर साथ रहने के लिए दाम्पत्य जीवन में बंधने का निर्णय लिया।
उज्जैन के निनोरा स्थित परमानंद योग आश्रम में भारतीय वैदिक परंपरा से तीन विदेशी कपल का रविवार विवाह कराया गया। इससे पहले शनिवार को विवाह की आधी रस्में इंदौर में निभाई गई जहां मेहंदी, हल्दी और महिला संगीत हुआ। इस दौरान तीनों कपल ने जमकर डांस किया। विवाह के दौरान तीनों कपल ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और फेरे लेकर जीवन भर साथ रहने का वादा किया। तीनों कपल 3 जनवरी को अपने-अपने देश लौट जाएंगे।
जानकारी के अनुसार, तीनों कपल ने योग सीखते समय भारतीय परंपरा, सनातन धर्म, पूजा-पाठ, त्यौहार, वैदिक पद्धति, विवाह पद्धति का गहनता से अध्ययन किया। यहां आने के बाद सभी ने वैदिक पद्धति से हिंदू नाम भी अपनाए हैं। डारियो बने विष्णु आनंद, मार्टिना बनी मां मंगलानंद, इवान बने आचार्य रामदास आनद तो ग्रेबिला मां समानंद, वहीं मारजियो प्रकाश आनद और नेलमास बनी मां नित्यानंद। उज्जैन में डारियो संग मार्टिना, इअन संग गेब्रियला और मॉरजिओ संग नेल्मास के फेरे हुए।
परमानंद योग केंद्र के प्रमुख डॉ. ओमानंद ने बताया कि तीनों कपल इंदौर के परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड रिसर्च इंडिया में योग प्रशिक्षण लेने इटली, अमेरिका और पेरू से आए थे। इस दौरान इन्होंने देखा कि भारतीय परंपरा में शादी अनुबंध नहीं है। इटली में 60 प्रतिशत से ज्यादा शादियां टूट जाती है। जब इन सभी ने भारतीय परंपराओं के साथ वैवाहिक जीवन जी रहे लोगों को देखा तो काफी प्रभावित हुए। योग के प्रशिक्षण लेने के दौरान इन्होंने एक-दूसरे को ठीक से जाना और जिंदगी भर साथ रहने के लिए दाम्पत्य जीवन में बंधने का निर्णय लिया। इन लोगों ने खुद ही अपने नाम हिन्दू रखने के लिए सहमति दी।
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