सतना । आपने अभी तक रजिस्ट्री और सरकारी दस्तावेज (Registry and government documents) हिंदी या अंग्रेजी में तो कई बार देखे होंगे. उसके सभी काम भी हिंदी या फिर अंग्रेजी (Hindi or English) में किए जाते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी भी सरकारी दस्तावेज संस्कृत भाषा (Sanskrit language) में बनाए गए हो. ऐसा एक अनोखा मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना शहर (Satna) से सामने आया है. जिले के पांडेय परिवार के तीन सगे भाइयों ने जमीन की रजिस्ट्री हिंदी की जगह संस्कृत मे करवाई, जिसे बनवाने में सभी के पसीने छूट गए.
कागजात बनाने में छूटे पसीने
दरअसल इन तीनों भाइयों ने सतना शहर के चित्रकूट रोड में भाद ग्राम में करीब 16 सौ वर्ग फीट की जमीन खरीदी और उस जमीन की रजिस्ट्री संस्कृत भाषा में कराई. सभी को पता है कि सामान्यतः रजिस्ट्री हिंदी या अंग्रेजी में करवाते हैं और उके लिए करीब 2 घंटे का समय लगता है. लेकिन संस्कृत भाषा का उपयोग करके पूरी रजिस्ट्री लिखना बहुत ही कठिन कार्य है. ऐसे में तीनों सगे भाइयों ने 6 घंटे से अधिक समय व्यतीत कर संस्कृत में अपनी जमीन की रजिस्ट्री तैयार कराई, जो अपने आप में एक अनोखी पहल है. इससे देव भाषा संस्कृत का महत्व देखने को मिला.
संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय कदम
इस बारे में जब रजिस्ट्री कराने वाले एक बड़े भाई दिलीप पांडेय से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह पेशे से संस्कृत भाषा के शिक्षक हैं. उन्होंने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए ये राजस्ट्री अपनी संस्कृत (देवभाषा) में कराई. इसमें जहाँ जरूरत पड़ी हिंदी का भी अनुवाद किया गया है. तीनो भाइयों का उद्देश्य संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना है. संस्कृत देव भाषा मानी जाती है, जो अब केवल पूजा पाठ तक ही सीमित रह गई है इसलिए संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सतना जिले के इन तीन सगे भाइयों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री संस्कृत भाषा में कराई, जो शायद प्रदेश में अपने तरह का पहला मामला है.
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