भोपाल (रवीन्द्र जैन)। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मप्र के बहुचर्चित ई-टेण्डर घोटाले में मेंटाना ग्रुप के चेयरमैन श्रीनिवास राजू मेंटाना और अर्नी इंफ्रा के आदित्य त्रिपाठी की गिरफ्तारी से इस मामले में जल्दी बड़े खुलासे होने की संभावना है। भोपाल के रहने वाले आदित्य त्रिपाठी के बारे में ईडी ने बड़ा खुलासा किया है कि वह इस घोटाले का फ्रंट फेस है। आदित्य त्रिपाठी के बारे में कई अन्य चौंकाने वाली जानकारियां भी मिल रही हैं। कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापे में जो दस्तावेज मिले थे, उसमें आदित्य त्रिपाठी द्वारा नेताओं को 845 लाख के लेन-देन की जानकारी मिली थी। इसके अलावा आदित्य ने प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खाते में 99.50 लाख रुपए डाले हैं।
ई-टेण्डर घोटाले में अब यह साफ होने लगा है कि कमलनाथ सरकार ने बेशक इस मामले में एफआईआर की थी, लेकिन जिन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर हुई थी उनसे बड़े लेन-देन भी हुए हैं। अश्विनी शर्मा व प्रतीक जोशी के यहां पड़े छापे में एक सूची मिली थी, जिसमें आदित्य के नाम से 845 लाख रुपए मिलने का उल्लेख है। इसी छापे के आधार पर चुनाव आयोग ने प्रदेश के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की अनुशंसा की है। आदित्य के बारे में ईडी ने खुलासा किया है कि उसकी अर्नी इंफ्रा नाम से फर्म है, लेकिन उसने मेंटाना समूह से जल संसाधन विभाग के लगभग 93 करोड़ के काम उपठेके पर लिए थे। आदित्य ही भोपाल में अफसरों और नेताओं को मैनेज करता था। मेंटाना और आदित्य के बीच काले धन का लेन-देन हुआ है। इसमें बड़ी राशि हवाले के जरिए आई है।
आईएएस को दिए 1 करोड़
आदित्य त्रिपाठी ने दिसंबर 2018 में मप्र के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लगभग एक करोड़ रुपए उनके खाते में घुमा-फिराकर भेजे हैं। आदित्य ने एक बड़ी राशि पहले अर्नी इंफ्रा से अपने और माता-पिता के अकाउंट में ट्रांसफर कर 49 लाख 50 हजार रुपए प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खाते में ट्रांसफर किए। गिरफ्तारी से पहले जब अग्निबाण ने आदित्य त्रिपाठी से बात की तो उसका कहना था कि उसकी बहन ने उक्त अधिकारी से प्लाट खरीदा है। इसके एवज में यह राशि आईएएस अधिकारी को दी गई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved