भोपाल: मध्य प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में सनसनी फैला देने वाले सतपुड़ा भवन (Satpura Bhawan) के अग्निकांड का कोई दोषी नहीं है. मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने इस मामले में क्लीन टिच दे दी है. इस आग के लिए किसी पर आरोप नहीं लगाया गया है. सरकार का मानना है कि आग शॉर्ट सर्किट (fire short circuit) से लगी. दरअसल, सतपुड़ा भवन की आग की जांच के लिए गठित समिति (constituted committee) ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. जांच समिति ने 287 पन्नों की जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है. उसने अपनी रिपोर्ट में तीन स्थलों का निरीक्षण , 32 लोगों के बयान, फोरेंसिंग साइंस लैब, सागर की जांच, चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर की तकनीक रिपोर्ट और पीडब्ल्यूडी की 2 उप-समितियों की रिपोर्ट भी अपनी रिपोर्ट में शामिल की है. इस रिपोर्ट में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी पर दोष नहीं मढ़ा गया है.
गौरतलब है कि, जांच समिति के मुताबिक घटना स्थल पर हाइड्रोकार्बन के सबूत नहीं मिले. यानी, मौके पर किसी ने पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि को छिड़ककर आग नहीं लगाई है. इधर, कांग्रेस ने कहा कि अगर हम सरकार में आए तो मेंटेनेंस ऑफ ए फायर एंड इमरजैंसी सर्विस फॉर द स्टेट बिल लाया जाएगा. जांच कमेटी का कहना है कि आग सबसे पहले सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर लगी. यह कक्ष सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह का था. इसके बाद आग ने विकराल रूप धारण किया और ऊपरी मंजिलों तक फैल गई. जांच समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि सतपुड़ा की आग से 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें फर्नीचर, इलेक्ट्रिकल सामान, फाइलें व अन्य सामान शामिल हैं. इसमें स्वास्थ्य विभाग का हाल ही में हुआ रिनोवेशन का काम भी शामिल है. यहां पूरे ऑफिस को फिर से रिनोवेट किया गया था.
समिति ने रिपोर्ट के 3.1 बिंदु पर बताया कि सतपुड़ा भवन की तीसरी चौथी पांचवी और छठी मंजिल में उपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों के शपथ पूर्वक बयान लिए गए. प्रत्यक्षदर्शियों के मोबाइल के फोटो और वीडियो की विवेचना की गई. इस आधार पर ऐसा लगता है कि सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल के पश्चिमी रिंग में टीएडीपी के सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह के कक्ष में 12 जून को शाम 4:00 बजे से 4:05 के मध्य आग लगी थी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 जून को गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया था. कमेटी में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह और फायर ब्रिगेड शाखा के एडीजी को शामिल किया गया. कमेटी को आग के प्रारंभिक कारणों का पता कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपनी थी.
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