उज्जैनः देशभर में आज सोमवती अमावस्या और भूतड़ी अमावस्या मनाया जा रहा है. इस दौरान उज्जैन में स्थित 52 कुंड केडी पैलेस के साथ-साथ क्षिप्रा नदी किनारे स्थित रामघाट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. इस खास दिन पर सोमवती कुंड में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए हुए हैं. वहीं उज्जैन से करीब 7 किमी दूर केडी पैलेस 52 कुंड पर भी यही नजारा देखने को भी मिला है, जहां बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाने के नाम पर श्रद्धालु खुद और अपने परिजनों के साथ 52 कुंड में डुबकी लगाकर शरीर में दूसरी बुरी आत्मा से मुक्ति पा लेते हैं. यह मेला हर साल अमावस्या पर लगता है. जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं.
कुंड को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से रुके हुए कार्य शुरू हो जाते हैं और बिना विघ्न के संपन्न भी हो जाते हैं. इस कुंड से संबंधित मान्यता है कि जिसपर भी बुरी आत्मा का साया होता है. यदि वह भूतड़ी अमावस्या पर 52 कुंड में सूर्य कुंड और ब्रह्म कुंड में डुबकी लगाकर स्नान करता है तो उसपर से सभी तरह की अला-बला दूर हो जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
बता दें कि अमावस्ता हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन पड़ती है. सोमवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. इस दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और पितरों के तर्पण आदि के नजरिए से इस दिन का बड़ा महत्व होता है. वैसे हिंदू शास्त्रों में अमावस की रात नकारात्मक मानी जाती है. माना जाता है कि इस रात को नकारत्मक शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं और इसी दिन जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, साधना-सिद्धि प्राप्त करने जैसे काम भी होते हैं.
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