भोपाल। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेश के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव (Panchayat and urban body elections) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह (State Election Commissioner BP Singh) का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. कोर्ट के आदेश का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है. जून महीने में ही पंचायत नगरीय निकाय के चुनाव कराए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को 2 हफ्ते के भीतर पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर अधिसूचना जारी करने को लेकर आदेश जारी किया है।
ऐसे में राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने प्रदेशभर के कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की. सिंह का कहना है कि चुनाव को लेकर कलेक्टर जानते हैं कि उन्हें क्या करना है. चुनावों के लिए सभी कलेक्टरों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं. शहरी और ग्रामीण दोनों निकायों के चुनाव होने हैं. दोनों के चुनाव समय से कराने के लिए तैयार रहने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
अधिसूचना जारी करने को लेकर बोले राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह का कहना है कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है. हमें दो हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करनी ही होगी। चुनाव को लेकर तारीख की कभी भी पहले से घोषणा नहीं की जाती है. तारीख घोषित होने के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी. दो हफ्तों के भीतर अधिसूचना जारी करने के आदेश के बाद हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, ऐसे में जून में ही चुनाव कराएं जाएंगे।
पंचायत नगरीय निकाय चुनावों के बीच नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचे. राज्य निर्वाचन आयोग में राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह से आधे घंटे तक चर्चा की.. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसे सामान्य शिष्टाचार मुलाकात बताया तो वही कहा, “सरकार जल्द से जल्द कोर्ट में मोडिफिकेशन याचिका दाखिल करेगी. सरकार चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. सरकार ने ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी की थी. चुनाव आयोग ने भी समय पर चुनाव का ऐलान कर दिया था लेकिन कांग्रेस के कारण ऐसी स्थितियां बनी हैं. कांग्रेस हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट नहीं गई होती तो अभी तक चुनाव हो गए होते. कांग्रेस ने ओबीसी का मुद्दा नहीं उठाया होता तो आरक्षण के साथ चुनाव हो जाते. भाजपा की सरकार ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगी.”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved