भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री (School Education Minister) उदय प्रताप सिंह (Uday Pratap Singh) ने शनिवार को कहा कि प्रदेश में नियम विरुद्ध संचालित होने वाले मदरसों (Madrassas operating against rules) के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ऐसे सभी मदरसों, जो मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड (Madhya Pradesh Madrasa Board) से मान्यता प्राप्त हैं, उनका भौतिक सत्यापन तय समय-सीमा में पूरा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में कराई गई जाँच में प्रदेश में 56 मदरसे भौतिक सत्यापन में नियम विरुद्ध पाये गये थे। इन मदरसों की मान्यता समाप्त करते हुए इनका अनुदान बंद कर दिया गया है।
मंत्री उदय प्रताप सिंह सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-28 (3) में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी शैक्षणिक संस्था में पालकों की सहमति के बिना बच्चों को धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाये और न ही उन्हें इसके लिये बाध्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी शैक्षणिक संस्थाओं को नई शिक्षा नीति का पालन करना होगा। इसके साथ ही राइट-टू-एजुकेशन का भी पालन करना होगा। जो शैक्षणिक संस्थाएँ नीति के विरुद्ध पाई जायेंगी, उनकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई सख्ती के साथ की जाएगी।
लोक शिक्षण आयुक्त ने भी जारी किये निर्देश
मप्र लोक शिक्षण आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किये हैं। निर्देश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया जाए। यदि मदरसे नियम विरुद्ध संचालित पाये जाएं, तो उनकी मान्यता समाप्त करते हुए अनुदान बंद किया जाये।
निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी शैक्षणिक संस्था में उपस्थित होने वाले किसी व्यक्ति को ऐसी संस्था में दी जाने वाली किसी धार्मिक शिक्षा में भाग लेने और धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के लिये तब तक बाध्य नहीं किया जाये, जब तक कि बच्चों के पालकों ने इसके लिये अपनी सहमति न दे दी हो। इस नीति के विरुद्ध संचालित संस्था पर सख्त कार्रवाई की जाये।
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