भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडोरी जिले (Dindori district) की पुलिस ने नई दिल्ली (New Delhi) से छह आदिवासी नाबालिग लड़कियों (Six tribal minor girls) को बचाया। इन लड़कियों को घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। साथ ही साथ इन्हें अपने घर वापस लौटने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। यह मामला तब सामने आया जब नाबालिग लड़कियों में से एक के परिवार ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस दिल्ली पहुंची और मामला एक के बाद एक खुलता ही चला गया। यह देख जिले की पुलिस हैरान रह गई।
गुमशुदगी की शिकायत के बाद गठित हुई टीम
नाबालिग लड़की को खोजने दिल्ली गई पुलिस को अन्य लड़कियों के बारे में भी पता चला। इसके बाद पुलिस ने सभी छह लड़कियों को वहां से छुटकारा दिलाया और उनके परिजनों से मिलवाया। एएसपी जगन्नाथ सिंह मरकर्म ने एएनआई को बताया कि एक लड़की के परिजनों ने जिले के समनापुर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 137 (2) यानी अपहरण की सजा के तहत मामला दर्ज किया और मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की थी।
अन्य लड़कियों की मोजूदगी का सामने आया मामला
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि नाबालिग लड़की की आखिरी लोकेशन नई दिल्ली में थी। इसके बाद डिंडोरी पुलिस और एक गैर सरकारी संगठन जन साहस की ज्वाइंट टीम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंची और नाबालिग लड़की को बचाया। अधिकारी ने बताया कि इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि वहां अन्य लड़कियां भी मौजूद हैं। इसके बाद साइबर सेल की मदद से टीम ने कुल छह नाबालिग लड़कियों को सफलतापूर्वक बचाया। उनमें से एक मंडला जिले की निवासी है और शेष डिंडोरी जिले की निवासी हैं। इन लड़कियों को घरेलू काम के लिए वहां ले जाया गया था और उन्हें अपने घर लौटने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
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