गुना। मंगलवार को हुई गुना नगर पालिका परिषद की बजट बैठक हंगामे में तब्दील हो गई। पूरी बैठक में प्रस्तावों पर शांतिपूर्ण चर्चा समाप्त होते ही शिष्टाचार परम्परा के बीच दो पार्षदों ने शिष्टाचार तो एक कोने में रखा और आपस में भिड़ गए। दोनों पार्षदों के बीच लात-घूसे चले। एक पार्षद ने दूसरे पर अपना जूता फेंककर मारा। मारपीट में एक पार्षद घायल हुआ और विवाद की जानकारी मिलने पर शहर कोतवाली पुलिस को सदन में पहुुंचकर हस्तक्षेप करना पड़ा।
दरअसल, गुना नगर पालिका क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को सम्मेलन बुलाया गया था। इस बैठक की शुरुआती पूरी तरह शांतिपूर्ण रही। इक्का-दुक्का बिंदुओं को छोड़कर किसी पार्षद ने गंभीर आपत्ति दर्ज नहीं कराई। वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद बृजेश राठौर उनके क्षेत्र में सीवर लाइन परियोजना की वजह से आम नागरिकों को होने वाली परेशानी पर आक्रोशित नजर आए। उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष के सामने आपत्ति जताई। शिकायती लहजे में कहा कि सीवर परियोजना का कामकाज देख रहे पीएचई प्रभारी संचित ढिमरी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
बैठक के बाद नगर पालिका अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता की अपील पर पार्षद संत शिरोमणि विद्यासागर जी महाराज को श्रद्धांजलि दे रहे थे। कुछ पार्षद नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि अरविंद गुप्ता और नगर पालिका में नवीन कार्यकाल की शुरुआत कर रहे सीएमओ तेज सिंह यादव का स्वागत कर रहे थे। इसी दौरान वार्ड क्रमांक 11 पार्षद बृजेश राठौर और वार्ड 22 के पार्षद व जल प्रकोष्ठ समिति के चेयरमैन राजू ओझा आपस में भिड़ गए।
राजू ओझा अचानक बृजेश राठौर के पीएचई प्रभारी के प्रति आक्रोश पर आपत्ति जता रहे थे। फिर क्या था, दोनों पार्षदों के बीच झूमा-झटकी होने लगी। राजू ने बृजेश राठौर को एक जोरदार मुक्का भी जड़ दिया। इससे बृजेश के चेहरे से खून निकलता देखा गया। जवाब में पार्षद बृजेश राठौर भी राजू ओझा के साथ भिड़ गए। उन्होंने अपना जूता निकालकर राजू की ओर फेंककर मारा। मौके पर तनातनी की स्थिति को देखते हुए सीएमओ तेज सिंह यादव, नगर पालिका उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सोनी, वार्ड 16 के पार्षद दिनेश शर्मा सहित तमाम पार्षद बीच-बचाव में जुट गए।
लगभग 15 मिनट तक जारी हंगामे की जानकारी शहर कोतवाली पुलिस तक पहुंच गई। पुलिस की एक टीम ने अचानक नगर पालिका के सभाकक्ष में आमद दर्ज करा दी। हालांकि, तब तक दोनों पार्षदों के बीच मारपीट का सिलसिला समाप्त हो गया था। पुलिस ने दोनों ही पार्षदों को कोतवाली में बुलाया था। दोनों पहुंचे भी थे। इसके बाद भी पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।
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