भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary) कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने शुक्रवार को कहा कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शराबबंदी (Liquor ban) होनी चाहिए लेकिन इसके लिए जल्दबाजी नहीं करते हुए पहले उचित अध्ययन किया जाना चाहिए। प्रदेश की राजनीति में शराबबंदी का मुद्दा महत्वपूर्ण होता जा रहा है। एक ओर जहां प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) शराबबंदी लागू करने की मांग कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने 2022-23 की नई आबकारी नीति में शराब से राजस्व में बढ़ोतरी के कई उपाय किए हैं।
हमारे यहां शराब संस्कार में शामिल
उमा भारती द्वारा मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग करने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहाकि ऐसा है कि शराबबंदी होनी चाहिए। पर उसके जहां (राज्यों में) प्रयोग हुए हैं, उसके अध्ययन की भी आवश्यकता है। हमारे प्रदेश में 23 प्रतिशत आबादी आदिवासी है और शराब, ताड़ी उनके संस्कारों से जुड़ी है। उनके यहां पूजा पाठ में भी इसका उपयोग होता है। हमें उसे प्रतिबंधित करने से पहले इसके बारे में गंभीर अध्ययन करने की आवश्यकता है। जल्दबाजी में कोई निर्णय लेने से उसके परिणाम ठीक नहीं होंगे। शराबबंदी के समर्थन में प्रतीकात्मक तौर पर एक शराब की दुकान में उमा भारती द्वारा हाल ही पत्थर फेंके जाने की घटना पर टिप्पणी करने से विजयवर्गीय ने इंकार कर दिया।
नेतृत्व परिवर्तन पर कोई बात नहीं
मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन (मुख्यमंत्री पद) और कुछ लोगों द्वारा इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम उछाले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस पर कोई निर्णय नहीं किया है। शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में अच्छा काम कर रहे हैं और अगला चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। भाजपा नेता भोपाल में 28 मार्च से एक अप्रैल तक होने वाली ‘राष्ट्रीय पिट्ठू (सितोलिया) स्पर्धा’ के आयोजन की घोषणा के लिए आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। इस स्पर्धा में देशभर से 30 टीमें शामिल होंगी।
कहा-पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं
विजयवर्गीय ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पारंपरिक भारतीय खेलों को बढ़ावा देने की बात कही है। इनके आयोजन के लिए अधिक साधन और संसाधन की जरूरत नहीं होती है और शारीरिक व्यायाम भी अच्छा होता है। पश्चिम बंगाल के प्रभारी भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि पूर्वी राज्य में कोई लोकतंत्र नहीं है, यहां तक कि बलात्कार जैसे गंभीर अपराध की प्राथमिकी भी पुलिस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद ही दर्ज करती है।
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