भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले (Bhind district) के एक युवक को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) ने 113 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने के लिए नोटिस भेजा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह टैक्स युवक द्वारा कथित तौर पर 132 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन (transaction) करने के लिए मांगा है. खास बात ये है कि युवक के ऊपर यह आरोप दूसरी बार लगाया जा रहा है. इससे पहले साल 2019 में भी उससे पेनल्टी मांगी गई थी, जिसकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिलने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (Office of the Prime Minister) ने जांच कराकर युवक को क्लीन चिट दे दी थी.
अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नए ‘फेसलैस प्रोसिडिंग्स’ सिस्टम ने पेनाल्टी को 100 गुना से भी ज्यादा बढ़ाते हुए फिर से नोटिस भेज दिया है. युवक ने इस बात की शिकायत भोपाल के सुभाष नगर पुलिस स्टेशन में की है, जिसने फैक्ट्स की जांच करने की बात कही है. जानकारी के मुताबिक 30 साल के रवि गुप्ता से जिस 132 करोड़ रुपये के कथित ट्रांजेक्शन के लिए पेनाल्टी मांगी जा रही है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे वित्त वर्ष 2011-12 का बताता है. हैरानी की बात ये है कि उस समय रवि गुप्ता इंदौर के एक BPO में महज 7,000 रुपया महीने के वेतन पर नौकरी कर रहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, रवि गुप्ता को पहली बार साल 2019 में आईटी डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा था. तब भी 132 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए 3.49 करोड़ रुपये की पेनल्टी चुकाने के लिए कहा गया था. रवि गुप्ता के पैन कार्ड की मदद से खोले गए उनके नाम वाले बैंक खाते में एक डायमंड फर्म ने तीन बार में 132 करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया था. एक बार 95 करोड़, दूसरी बार 47 करोड़ और तीसरी बार 25 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया. इसी ट्रांजेक्शन के लिए रवि गुप्ता को मिले नोटिस की खबर मीडिया में छपने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने इसकी जांच शुरू कराई थी.
प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले की जांच केंद्रीय वित्त मंत्रालय को सौंपी गई थी, जिसने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिये संबंधित बैंक को ही जांच करने का निर्देश दिया था. संबंधित बैंक ने अपनी रिपोर्ट में गुप्ता को क्लीन चिट दी थी. इसके बावजूद IT डिपार्टमेंट के फेसलैस सिस्टम ने 28 मार्च को रवि गुप्ता को फिर से नोटिस जारी कर दिया है. इस मामले में रवि पिछले 5 साल से
रवि गुप्ता ही अकेला परेशान नहीं है. उसके साथ इंदौर के उसी BPO में काम करने वाले कपिल शुक्ला और प्रवीण राठौड़ को भी साल 2011-12 में मोटे लेनदेन के लिए IT नोटिस मिल चुका है. खंडवा निवासी प्रवीण के पैन कार्ड की मदद से खोले गए बैंक खाते में 290 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया. इन तीनों के खातों से कुल 564 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन होने की तीन शिकायत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जांच के लिए मिली थी.
रवि, कपिल और प्रवीण के नाम वाले जिन बैंक खातों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 564 करोड़ रुपये के लेनदेन पर पेनल्टी मांग रहा है. वे तीनों बैंक खाते मुंबई में एक ही बैंक ब्रांच में हैं. तीनों खाते अब अंडर स्क्रूटनी हैं. इन बैंक खातों के स्टेटमेंट में उन कंपनियों के भी नाम हैं, जिन्हें यह रकम ट्रांसफर की गई है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
रवि गुप्ता के मुताबिक, वे इस मामले में पिछले पांच साल के दौरान ED और CBI से भी कई बार जांच करने की गुहार लगा चुके हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये किसी बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हो सकता है. उन्होंने आश्चर्य जताया कि किसी भी केंद्रीय एजेंसी ने उनकी शिकायत पर विचार नहीं किया. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स के नोटिस मिलना मेरे लिए मानसिक उत्पीड़न जैसा है. मेरे जैसे ना जाने कितने लोग इस तरह के फर्जी कागजातों का शिकार होकर भुगत रहे हैं. मैं नहीं जानता कि यह कब खत्म होगा. राजस्थान के भीलवाड़ा में स्टेशनरी शॉप ऑनर को 12.2 करोड़ रुपये का आयकर नोटिस मिला है. उसके दस्तावेजों की मदद से किसी ने गुजरात के सूरत में दो डायमंड मर्चेंट कंपनियां बना रखी हैं. इसी तरह उत्तराखंड के रूड़की में एक दिहाड़ी मजदूर को 70 लाख रुपये का टैक्स चुकाने के लिए नोटिस भेजा गया है.
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