इंदौर। मध्यप्रदेश में पंचायत एवं नगरीय निकायों के अधिकारी-कर्मचारी बीते एक सप्ताह से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। अभी उनकी मांगों पर सरकार ने विचार तक नहीं किया है, लेकिन अब परिवहन विभाग (आरटीओ) के अधिकारी-कर्मचारी भी गुरुवार को हड़ताल करने जा रहे हैं, जबकि तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
मप्र परिवहन अधिकारी संगठन के अध्यक्ष और इंदौर आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी ने बताया कि हमने अप्रैल में भी सरकार को मांगपत्र सौंपा था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके चलते हम गुरुवार को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर विरोध जताएंगे। इसके बाद एक माह में भी कुछ नहीं हुआ तो अनिश्चित कालीन हड़ताल की जाएगी।
परिवहन अधिकारियों की प्रमुख मांगों हैं- न्यायाधीश संरक्षण अधिनियिम 1985 के तहत संरक्षण प्रदान किया जाए। वेतन विसंगति को दूर किया जाए। सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग की तरह हमें भी पांच साल बाद प्रवर श्रेणी वेतनमान दिया जाए। परिवहन उप निरीक्षक पद पर विभागीय परीक्षा हो और लिपिक वर्ग को वर्दी दी जाए।
वहीं, पदोन्नति और वेतन विसंगति दूर किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने बताया कोरोनाकाल में भी हम लोगों ने अपने दायित्व का निर्वहन बेहतर तरीके से किया। इसके अलावा अपना मूल काम भी कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगे नहीं मानी जा रही। 2016 से विभागीय पदोन्नाति बंद है, जिससे सभी में निराशा का भाव है।
उन्होंने बताया कि 2012 बैच के नायब तहसीलदार और 2007 के तहसीलदार आज भी उसी पद पर हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में वे लोग डिप्टी कलेक्टर तक हो गए। नायब तहसीलदार राजस्व अधिकारी के साथ-साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन उन्हें राजपत्रित अधिकारी का दर्जा नहीं है। इससे फील्ड में परेशानी होती है। इन्हीं मांगों को लेकर सभी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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