भोपाल. पूरे देश में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य बन गया है, जिसे सूबे के सड़क हादसों के बारे में ज्यादा जानकारी है। प्रदेश ने इस मामले में तमिलनाडु राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है। ऑन द स्पॉट जाकर एक्सीडेंट के डाटा को तैयार करने के मामले में प्रदेश देश में नंबर वन बन गया है। इस डाटा से अब एक्सीडेंट (accident) पर लगाम कसने के साथ-साथ लोगों की जान भी बचाई जा सकेगी। सभी जिलों में पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इस्टीट्यूट (PTRI) के निर्देश पर इस डाटा को तैयार किया जा रहा है।
प्रदेश में एक्सीडेंट के डाटा को तैयार करने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर के पास है। उन्होंने बताया कि इन डाटाबेस के लिए बनाए एप इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (IRAD) पर तमिलनाडु राज्य (Tamil Nadu State) ने ऑन स्पॉट जाकर 8064 एंट्री की थीं। जबकि, अब मध्य प्रदेश ने तमिलनाडु को पीछे छोड़ते हुए एप पर सड़क दुर्घटनाओं की 8 हजार 110 एंट्री कीं और देश में पहले पायदान पर पहुंच गया। डीसी सागर ने बताया कि कोविड की गाइडलाइन (guideline) का पालन करते हुए यह एंट्री की कार्रवाई की गई।
इस डाटा की मदद से पुलिस (police) को यह पता चलेगा कि हादसे की वजह क्या है? हादसा किन कारणों से हुआ? सड़क की बनावट की गलती है या फिर किसी दूसरी वजह से हादसा हुआ? ऐसे में यह तमाम जानकारी जब पुलिस के पास मौजूद रहेगी तो पुलिस दूसरी एजेंसियों की मदद से सड़क हादसे की वजह पता चलने के साथ उसे रोकने के उपायों पर भी काम करेगी।
मध्य प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशिक्षण और शोध संस्थान को दी गई है। यहीं से हर जिले से सड़क हादसों के डाटा को इकट्ठा करने और उस डाटा के जरिए हादसों को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है ।
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