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    मप्रः प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश से शुरू की थी राष्ट्रव्यापी फसल बीमा योजनाः शिवराज

  • February 27, 2022

    -कहा, आपदा से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान का किसानों को दिया जाएगा पूरा मुआवजा
    -प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इंदौर से शुरू हुआ “मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ” अभियान

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) में “मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ” अभियान (“My Policy-Mere Haath” campaign) का राष्ट्र-व्यापी शुभारंभ शनिवार को इंदौर के बरलई में किया। किसानों को फसल बीमा योजना की पॉलिसी वितरित की गईं। यह अभियान एक अनूठी पहल है, जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नामांकित किसानों को ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों के माध्यम से फसल बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी वितरित की जाएगी। अभियान का उद्देश्य योजना में नामांकित सभी ऋणी और गैर-ऋणी किसानों तक पहुँचना एवं उन्हें फसल बीमा के बारे में जागरूक करना भी है।


    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत मध्यप्रदेश से ही की थी। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में “मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ” योजना का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ भी मध्यप्रदेश से हो रहा है। प्रदेश में इस अभियान में गांव-गांव शिविर लगाए जाएंगे और किसानों को उनके घर पर ही बीमा पॉलिसी उनके हाथ में पहुंचाई जाएगी।

    उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। आरबीसी 6 (4) में भी किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों के हित में आरबीसी के नियमों में जरूरी संशोधन भी किये गये हैं। नियमों को सरल बनाया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हाल ही में 7,618 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों के खाते में जमा कराया गया है। अकेले इंदौर जिले में ही 380 करोड़ 54 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। आपदा के समय आरबीसी 6(4) में साढ़े 10 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया है।

    चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 20 माह में किसानों के खाते में कुल 17 लाख 2 हजार 894 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई है। यह पहला मौका था, जब प्रदेश में इतनी बड़ी राशि किसानों के खाते में जमा की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की लगातार चिंता कर रहे हैं। किसान कल्याण के लिये नवाचार कर अनेक योजनाएं प्रारंभ की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा लगातार बढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में 43 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है, आगे यह रकबा 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने अथक परिश्रम कर प्रदेश में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन किया है। इसके फलस्वरुप मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में देश में नंबर वन है। उन्होंने कहा कि इंदौर के बरलई में अपेरल रेडीमेड गारमेंट पार्क बनाया जायेगा। इस पार्क में लगभग एक हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। इससे लगभग 12 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। उन्होंने उपस्थित किसानों को अपने-अपने गाँव में स्वच्छता रखने, गौरव दिवस मनाने तथा पेड़ लगाने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा होने पर किसानों को नुकसानी का पूरा मुआवजा दिया जायेगा। बोवनी खराब होने पर भी उसका मुआवजा मिलेगा। वास्तविक नुकसानी की जानकारी प्राप्त करने के लिये मैदानी स्तर पर सघन सर्वें करवाया जायेगा।

    केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में “मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ” अभियान का शुभारंभ मध्यप्रदेश के इंदौर से ही हो रहा है। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से ही प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन हो रहा है। हर किसान की जुबान पर इस योजना के लाभ की बात है। किसानों को संकट के समय उनकी भरपूर सहायता की गई है। किसानों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना प्रधानमंत्री मोदी की सोच और उनका संकल्प है। उनकी इस सोच और संकल्प को साकार करने के लिये पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं।

    तोमर ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जैविक उत्पादन के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। मध्यप्रदेश में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा है। साथ ही जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। फलस्वरूप जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है। खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए जरूरी है कि खेती की लागत कम की जाए। किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब दाम मिले और खेती-किसानी के लिए आधुनिक उपकरण और तकनीक का उपयोग किया जाए। इस दिशा में मध्यप्रदेश में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किए जा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में योजनाओं की राशि का भुगतान किसानों के खाते में पारदर्शी रूप से हो रहा है। समर्थन मूल्य, फसल क्षतिपूर्ति की मुआवजा राशि सहित अन्य योजनाओं का पैसा किसानों के खाते में सीधे जमा हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसान देश की आत्मा है। किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे तो गांव और देश का विकास होगा। देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये गाँव और किसान का कल्याण हमारी प्राथमिकता है। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री कमल पटेल, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, उद्यानिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह और सांसद शंकर लालवानी ने भी संबोधित किया। (एजेंसी, हि.स.)

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