भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को सोयाबीन स्टेट (Soybean State) का दर्जा मिलने पर प्रदेश की बीजेपी सरकार (BJP Goverment) अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं, कांग्रेस (Congress) ने अपने स्वर मुखर करना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने सोयाबीन की पैदावार करने वाले किसानों की हालत पर चिंता जताई है. उन्होंने सोयाबीन की एमएसपी 6,000 रुपये प्रति क्विंटल लागू करने की मांग भी की है.
मध्य प्रदेश में हर साल किसान 5.47 मिलियन टन सोयाबीन का उत्पादन करते हैं. यह देश की कुल सोयाबीन उत्पादन का 42.92% हिस्सा है. इसी के चलते मध्य प्रदेश सरकार को सोयाबीन स्टेट का तमगा भी मिल गया है. इसे लेकर सरकार किसानों की कड़ी मेहनत और अपनी उपलब्धि भी बता रही है. दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस के नेता सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि सोयाबीन 6,000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर लागू करते हुए खरीदी जानी चाहिए. उन्होंने किसानों के लिए सोयाबीन की फसल को घाटे का सौदा बताया है. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कई सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सोयाबीन की खेती का भाव जब तक नहीं बढ़ेगा, तब तक किसानों के लिए ये फायदे का सौदा नहीं बन सकता है. उन्होंने सोयाबीन के बीज बोने से लेकर फसल मंडी तक पहुंचने तक का पूरा ब्यौरा दिया है.
मध्य प्रदेश में अभी भी अलग-अलग मंडियों में सोयाबीन के दाम 3500 से 4500 के बीच प्रति क्विंटल सामने आ रहे हैं. इसे लेकर स्पष्ट है कि एमपी में सोयाबीन को लेकर आने वाले समय में जोरदार पॉलिटिक्स होने वाली है. कांग्रेस ने अपने मंसूबे अभी से दर्शा दिए हैं क्योंकि देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मध्य प्रदेश से आते हैं, इसलिए यहां पर सोयाबीन के दाम को लेकर निश्चित रूप से राजनीतिक गर्माने की पूरी संभावना है.
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