भोपाल: देश के साथ ही मध्य प्रदेश के अंदर सुसाइड के मामलों (suicide cases) में वृद्धि होती दिखाई दे रही है. इसे रोकने के लिए पुलिस विभाग (Police Department) ने महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला लिया है. बीते कई साल से देखा जा रहा है कि युवा विभिन्न मामलों में अवसाद के चलते आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा देते हैं. इसका खामियाजा उनके परिवार और समाज को भुगतना पड़ता है.
इस सामाजिक विसंगति को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) ने नया रास्ता निकालने का प्लान किया है. अब प्रदेश पुलिस मानसिक तनाव से जूझ रही युवा पीढ़ी और अन्य लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन (Suicid Helpline Number) नंबर जारी करने जा रही है.
क्राइम एक्सपर्ट और पुलिस एक्सपर्ट का मानना है कि शिक्षा, रोजगार, पारिवारिक तनाव और प्रेम प्रसंग के चलते 15 से 30 साल के युवा अवसाद ग्रसित हो जाते हैं. इस दौरान मदद न मिल पाने के कारण आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेते हैं. इसी के चलते भोपाल पुलिस ने सुसाइड प्रीवेंशन के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला किया है.
इस हेल्पलाइन के माध्यम से अवसाद ग्रसित व्यक्ति की जानकारी व्यक्ति स्वयं या उसका कोई परिचित दे सकता है. जानकारी देने वाले व्यक्ति की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी. इसके बाद पुलिस एक दोस्त की भांति उक्त व्यक्ति से संपर्क करेगी और काउंसलिंग के माध्यम से हर संभव मदद प्रदान करेगी. इसके माध्यम से ऐसे युवाओं को आत्महत्या करने से रोका जा सकेगा.
इस संबंध में एबीपी संवाददाता ने भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा से चर्चा की. उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी तनाव और अवसाद के चलते आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेती है. इसे रोकने के लिए भोपाल पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर काउंसलिंग के माध्यम से रोकथाम करने का फैसला लिया है. प्रदेश के अंदर इंदौर और जबलपुर सहित अन्य क्षेत्रों में इस प्रकार का प्रयोग पहले किया जा चुका है.अब भोपाल में प्रयास किया जा रहा है.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हेल्पलाइन का सीधा संपर्क साइक्याट्रिस्ट और विशेषज्ञ चिकित्सकों से होगा, जो पीड़ित व्यक्ति की मानसिकता का विश्लेषण का उसे तनाव मुक्त करने का प्रयास करेंगे. एक्सपर्ट बताते हैं कि आज की युवा पीढ़ी तनाव न झेल पाने के कारण आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेती है. इसके मुख्य कारण प्रेम प्रसंग में सफलता, कर्ज, रोजगार की चिंता, सामाजिक और पारिवारिक तनाव होता है. इस हेल्पलाइन के माध्यम से युवाओं को बड़ी मदद मिलेगी और आत्महत्या के मामलों में कमी भी आएगी.
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