उज्जैन। उज्जैन सेंट्रल जेल (Ujjain Central Jail) में हुए 15 करोड़ के गबन मामले में जेल अधीक्षक उषा राज (Jail Superintendent Usha Raj) को पुलिस ने जेल से हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ (Central Jail Bhairavgarh) में हुए जीपीएफ गबन कांड के चलते शुक्रवार देर रात जारी आदेश के तहत जेल अधीक्षक उषा राज को भोपाल अटैच कर दिया गया था। भैरवगढ़ पुलिस शनिवार दोपहर को जेल कार्यालय पहुंची। अधीक्षक को हिरासत में लिया और थाने ले गई। वहां क्रिमिनल केस में उनसे पूछताछ की गई। जेल मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार उषा राज अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में नाकाम रही है।
जेल डीआईजी मंशाराम पटेल के नेतृत्व में गठित टीम ने जीपीएफ गबन कांड की जांच पूरी होने के बाद डीजी जेल को रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट के आधार पर ही जेल अधीक्षक उषा राज को तत्काल प्रभाव से भोपाल जेल मुख्यालय अटैच कर दिया गया। उनकी जगह देवास जेल अधीक्षक हिमानी मानवरे को देवास के साथ-साथ उज्जैन का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इधर, भैरवगढ़ पुलिस ने जेल में अकाउंटेंट रिपुदमन और प्रहरी सिकरवार के खिलाफ दर्ज कराई गई धोखाधड़ी की रिपोर्ट के मामले में क्रिमिनल जांच भी शुरू कर दी है।
सीएसपी अनिल मौर्य ने बताया कि पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को इस मामले में पहले तीन बार बयान के लिए नोटिस किए गए थे। वह बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचीं। शुक्रवार रात उन्हें भोपाल अटैच करने की जानकारी मिली थी। सीएसपी ने बताया कि शनिवार को पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को भैरवगढ़ जेल स्थित कार्यालय से पूछताछ के लिए साथ ले गई। एसआईटी सहित अन्य एजेंसियों की जांच पूरी हो चुकी है। अब पुलिस द्वारा क्रिमिनल एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। इस पूरे गबन कांड की एफआईआर में अभी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज का नाम नहीं है, इस वजह से उन्हें गिरफ्तार न कर सिर्फ हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के कर्मचारियों के जीपीएफ की 13 करोड़ की राशि की हेराफेरी हुई है। इस मामले में भैरवगढ़ थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए दो जेल प्रहरियों को भगोड़ा घोषित कर दिया। आरोपी रिपुदमन रघुवंशी और शैलेंद्र सिंह सिकरवार की तलाश में छापामार कार्रवाई की जा रही है। दोनों के खाते में सात करोड़ और तीन करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है। अन्य कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है। पूरे मामले में जेल के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से उषा राज के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया है।
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