बालाघाट: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat) जिले में बुधवार को पुलिस (Police) के साथ मुठभेड़ (Encounter) में 14 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली कमांडर समेत चार महिला नक्सली मारी गई हैं. बालाघाट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नागेन्द्र सिंह ने फोन पर बताया कि ‘कमांडर’ आशा पड़ोसी छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी और मध्य प्रदेश के मंडला में कान्हा टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य से मिलकर बनी विद्रोहियों एक नये गुट का नेतृत्व कर रही थी. इस गुट को ‘केबी’ भी कहा जाता था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जंगल में घंटों चली मुठभेड़ में आशा और तीन अन्य महिला नक्सलियों को मार गिराया गया है. उन्होंने बताया कि आशा पर 14 लाख रुपये का इनाम था. माओवादी नेता छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी. मुठभेड़ में मारी गई, उसकी तीन साथियों की पहचान के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि वे उनके बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय डाबर ने बताया कि राज्य पुलिस की नक्सल विरोधी ‘हॉक फोर्स’ और स्थानीय पुलिस टीमों ने जंगली इलाके में चलाए गए अभियान में हिस्सा लिया. पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार भी बरामद किए गए हैं. बालाघाट की सीमा महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा से लगती है. डाबर ने बताया कि मुठभेड़ सुबह जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर एक इलाके में हुई.
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुठभेड़ स्थल गढ़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुपखर वन रेंज में रोंडा वन कैंप के पास है. इसमें कहा गया है कि पुलिस ने एक इंसास राइफल, एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) और एक .303 राइफल के अलावा आवश्यक दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की हैं.
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