नई दिल्ली । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर(Indore city of Madhya Pradesh) में अनजाने में मछली का पित्ताशय (fish gall bladder) खाने के बाद 42 वर्षीय शख्स की हालत (condition of the person)इस कदर बिगड़ गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मरीज का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 42 वर्षीय व्यक्ति ने अनजाने में मछली का पित्ताशय खा लिया था जिसके कुछ घंटों बाद उसे उल्टी-दस्त शुरू हो गए।
मीडिया से बातचीत में शहर के एक निजी अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जय सिंह अरोरा ने बताया कि शुरुआत में मरीज और उसके परिजन इसे फूड पॉइजनिंग का सामान्य मामला समझते रहे, लेकिन जांच में पता चला कि उसके क्रिएटिनिन के साथ ही यकृत (लिवर) के दो एंजाइम-SGOT और SGPT का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया था।
अरोरा ने बताया, ‘मरीज गंभीर हालत में हमारे पास पहुंचा था, उसका ब्लड प्रेशर गिर गया था, पूरे शरीर पर सूजन आ गई थी। मरीज करीब हफ्ते भर तक अस्पताल में भर्ती रहा। इसके बाद भी उसका इलाज जारी रहा। फिलहाल वह स्वस्थ है।’
उन्होंने बताया कि मछली के पित्ताशय में ‘सोडियम साइप्रिनोल सल्फेट’ नाम का जहरीला तत्व होता है जो मनुष्य के शरीर में पहुंचने पर यकृत (लिवर) और गुर्दे (किडनी) को तेजी से नुकसान पहुंचा सकता है।
यह घटना इंदौर के संगम नगर ने रहने वाले दुर्गा प्रसाद सुनानिया के साथ घटी, जब मछली खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। प्राइवेट कंपनी में मार्केंटिंग एग्जीक्यूटिव दुर्गा प्रसाद मछुआरा समाज से आते हैं। उनका कहना है कि उनके घर में अक्सर मछली बनती है। वह खुद बाजार से मछली लाते हैं और फिर साफ करके खुद ही बनाते हैं।
घटना वाले दिन भी उन्होंने ऐसा ही किया था। खाना खाने के बाद जब पानी पिया तो लगा कि मछली का कोई अंग पानी के साथ पेट में चला गया है। फिर समय आया कि उसमें मछली की पित्त की थैली हो सकती है। बाद में यही बात डॉक्टर को बताई।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved