• img-fluid

    MP: प्रशासनिक सर्जरी में विवादित छवि वाले अफसर लूप लाइन में

  • June 28, 2024

    – विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया मुख्य सचिव पद की दौड़ से बाहर
    – कुछ ही महीने ग्वालियर कमिश्नर रह पाए सुदाम खांडे की जनसंपर्क आयुक्त पद पर वापसी
    – संदीप यादव को जल्दी ही मिलेगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी, अब कलेक्टरों की बारी
    – डॉ राजेश राजौरा की राह हुई और आसान

    इंदौर, अरविंद तिवारी।
    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने विवादित अफसर को लूप लाइन (Loop Line) में भेजना शुरू कर दिया है। अच्छी छवि वाले अफसर (Officer) को बड़ी जिम्मेदारी देने का क्रम शुरू हो गया है। जनता से जुड़े महकमों में अच्छी परफॉर्मेंस (Performance) देने वाले अफसरों को तैनात किया गया है। गुरुवार रात हुए प्रशासनिक फेरबदल में मुख्यमंत्री ने इसका एहसास करवा दिया। वरिष्ठता के बावजूद विवादित छवि रखने वाले विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया इस बदलाव के बाद मुख्य सचिव पद की दौड़ से भी बाहर माने जा रहे हैं।



    इस बदलाव में 14 आला अफसर प्रभावित हुए हैं। इसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव पद के लिए डॉ. राजेश राजौरा की राह और आसान हो गई है। गुरुवार रात हुए प्रशासनिक बदलाव में मुख्य सचिव पद की दौड़ में शामिल माने जा रहे दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया को लूप लाइन में भेजकर सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव पद की दौड़ से बाहर रखने का संकेत दे दिया है। विनोद कुमार को संचालक आदिम जाति अनुसंधान संस्थान और कंसोटिया को प्रशासनिक अकादमी का महानिदेशक बनाकर यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार उनके काम से खुश नहीं है।

    मुख्य सचिव पद के लिए अब डॉ. राजौरा के साथ ही मोहम्मद सुलेमान को भी दावेदार माना जा रहा है। सितंबर में वर्तमान मुख्य सचिव का विस्तारित कार्यकाल खत्म होने के बाद इन्हीं में से किसी को मुख्य सचिव पद के लिए मौका मिलना है। पिछले कुछ महीनों से मध्यप्रदेश के प्रशासनिक परिदृश्य में जिस तरह से डॉक्टर राजौरा को तवज्जो मिल रही है, उसके चलते मुख्य सचिव पद की दौड़ में उन्हें दूसरे अफसरों से आगे माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव पद पर उनकी तैनाती से यह तो पहले ही स्पष्ट हो गया था कि वह मुख्यमंत्री की पहली पसंद हो सकते हैं। इस पद के एक अन्य दावेदार अनुराग जैन केंद्र में सचिव की भूमिका में हैं और प्रधानमंत्री के पसंदीदा अफसर में माने जाते हैं। केंद्र उन्हें मध्यप्रदेश भेजना नहीं चाहता, इसी कारण इकबालसिंह बैंस के सेवानिवृत्त होने के बाद के दौर में भी वह मुख्य सचिव नहीं बन पाए थे। कुछ महीने पहले ही ग्वालियर के संभाग आयुक्त बनाए गए तेजतर्रार और साफ छवि वाले आईएएस अफसर डॉक्टर सुदाम खांडे की भोपाल वापसी को चौंकाने वाला माना जा रहा है। हालांकि उन्हें जनसंपर्क आयुक्त जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है। वह इस पद पर पहले भी रह चुके हैं। वर्तमान जनसंपर्क आयुक्त संदीप यादव को भी जल्दी ही कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने वाली है।

    किसान कल्याण, खाद्य व नागरिक आपूर्ति और स्कूली शिक्षा जैसे विभागों में मुख्यमंत्री ने उन अफसरों को मौका दिया है, जो जहां भी पदस्थ रहते हैं अच्छा परफॉर्म करते हैं। डॉ. संजय गोयल को इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा, एन. सेल्वेंद्रम को कृषक कल्याण और रश्मि शमी को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में पदस्थ किया गया है। तीनों विभागों का कामकाज सीधे जनता से जुड़ा हुआ माना जाता है।

    Share:

    इंदौर में नाबालिगों ने किया घर पर ही प्रेम विवाह, पुलिस गुमशुदा बेटी ढूंढ लाई, पर पिता हार गया

    Fri Jun 28 , 2024
    सात के खिलाफ एफआईआर दर्ज, दो लाख के लेन-देन का भी लग रहा आरोप इंदौर। घर से भाग जाने पर पिता (father) ने बेटी (Daughter) की गुमशुदगी (Disappearance) की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस (Police) बेटी को ढूंढ लाई, लेकिन एक पिता हार गया। प्रेम विवाह (love marriage) की जिद पर अड़ी नाबालिग (minors)ने लडक़े के घर […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved