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    MP: पोषण आहार कारखाने अब ठेकेदार नहीं महिला स्व-सहायता समूह चलाएंगे

  • October 02, 2021

    मुख्यमंत्री ने वितरित की सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति की महिलाओं को 22.70 करोड़ का आहार भत्ता राशि

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि मध्यप्रदेश में पोषण आहार बनाने का कारखाना अब कोई ठेकेदार नहीं बल्कि स्व-सहायता समूह की महिलाएँ चलायेंगीं। इससे होने वाला लाभ भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के खाते में जायेगा। साथ ही महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में सरकार हर संभव कार्य करेगी। समूह की महिलाएँ ही स्कूल के बच्चों के गणवेश सिलने का कार्य करेंगी और राशन दुकानें भी समूहों की महिलाओं के माध्यम से संचालित की जायेंगी। फसल उपार्जन का कार्य भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दिया जाएगा।

    मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को शिवपुरी जिला मुख्यालय पर जन-कल्याण और सुराज अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश में 07 अक्टूबर तक जन-कल्याण और सुराज अभियान चलाया जा रहा है।

    स्व-सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज के 250 करोड़ रुपये वितरित
    मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के जरिए प्रदेश के 20 हजार महिला स्व-सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज के अन्तर्गत 250 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता वितरित की। सिंगल क्लिक के जरिए ही सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति की 2 लाख 27 हजार 687 महिलाओं को 22 करोड़ 77 लाख रुपये का आहार भत्ता और बाढ़ पीड़ितों को 163 करोड़ 28 लाख रुपये राहत राशि वितरित की गई। मुख्यमंत्री ने शिवपुरी जिले के 305 करोड़ की लागत वाले 80 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।

    केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली से कार्यक्रम से वर्चुअल जुड़े। कार्यक्रम में शिवपुरी जिले के प्रभारी एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ एवं सांसद के.पी. यादव, विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, सीताराम आदिवासी एवं स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य शामिल हुई।

    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में पोषण आहार तैयार करने के कारखाने अब कोई ठेकेदार नहीं चलायेगा बल्कि स्व-सहायता समूहों की महिलाएँ ही चलायेंगीं। हमने समूह की महिलाओं को कारखानों का मालिक बना दिया है। पहले ये कारखाने एमपी एग्रो के माध्यम से ठेकेदार चलाते थे। इन कारखानों से 800 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का कार्य किया जाता था। अब यह कार्य स्व-सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से होगा और उसका लाभ भी सीधे उनके खाते में पहुँचेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए पोषण आहार बनाने का कार्य माँ, बहनों से अच्छा कोई नहीं कर सकता है।

    गणवेश निर्माण, राशन दुकान संचालन, उपार्जन कार्य भी अब महिला समूहों को
    मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से तय किया गया है कि अब प्रदेश में स्कूली बच्चों के गणवेश सिलाई का कार्य किसी ठेकेदार से नहीं बल्कि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से किया जाएगा। समूह की महिलाएँ ही स्वयं कपड़ा खरीदेंगी और सिलाई करेंगी। इसका पूरा लाभ उनके खाते में जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में अब राशन की दुकानों का संचालन और समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न खरीदने का कार्य भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दिया जाएगा।

    संबल योजना पुन: शुरू की गई
    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गरीबों और किसानों के कल्याण में सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। हमने अब संबल योजना पुन: प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि संकट की हर घड़ी में सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। कोविड-19 हो या बाढ़ आपदा, सरकार ने प्रभावितों के साथ खड़े रहकर उन्हें हर संभव सहायता भी उपलब्ध कराई है। बाढ़ से जिन लोगों की खेती-किसानी प्रभावित हुई, उन्हें भी राशि उपलब्ध कराई गई है।

    सभी आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराना हमारा संकल्प
    उन्होंने कहा कि हर आवासहीन को आवास उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। पति, पत्नी और बच्चों को यूनिट मानकर आवास का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभा में सभी से आह्वान किया कि वे अपने बेटा-बेटियों को खूब पढ़ाएं। कमजोर व्यक्तियों के बच्चों की पढ़ाई के लिये उनकी फीस प्रदेश सरकार भरेगी।

    आज का दिन ऐतिहासिक : केन्द्रीय मंत्री सिंधिया
    केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं को पोषण आहार तैयार करने के कारखाने का मालिक बनाकर आज चाबी सौंप दी है।

    सिंधिया ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो कार्य मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में हुए हैं वह अनुकरणीय है। प्रदेश में संचालित अनेक योजनाओं को देश के अन्य राज्यों ने स्वीकार कर अपने यहाँ लागू किया है। उन्होंने कहा कि कुपोषण मिटाने के लिये सहरिया महिलाओं के खाते में एक हजार रुपये प्रतिमाह की राशि डालने का अनुकरणीय कार्य प्रदेश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण से ही प्रदेश और देश प्रगति के मार्ग पर तेजी से चल सकता है।

    खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जो कार्य किया गया है उसकी गूँज न केवल मध्यप्रदेश में बल्कि पूरे देश में है। लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रदेश में 40 लाख बच्चियों को लाभान्वित किया गया है। बेटियाँ पढ़ें और आगे बढ़ें। इसके लिये हजारों बच्चियों को साइकिल उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि इससे भी आगे बढ़ते हुए प्रदेश में अब पोषण आहार तैयार करने वाले कारखानों का मालिक भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बनाया गया है। यह महिलाओं के हित में ऐतिहासिक कार्य है।

    खेल मंत्री ने कहा कि कोविड-19 संकट का समय हो या अंचल में आई बाढ़ त्रासदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकट की घड़ी में हरसंभव मदद की और लोगों को संकट से उबारने का कार्य किया है।

    शिवपुरी जिले के प्रभारी एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जो कार्य किया जा रहा है उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रदेश में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। पोषण आहार तैयार करने के कारखाने का संचालन स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया है। प्रदेश में संचालित 7 कारखानों की मालिक अब स्व-सहायता समूह की बहनें बनेंगी।

    सिसौदिया ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिये प्रदेश में अनेक योजनाएँ संचालित हैं। लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी अनेक योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को देखते हुए देश के अन्य राज्यों ने भी इन्हें अपने राज्य में लागू किया है। उन्होंने बताया कि स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिये अब प्रदेश में एक एप भी बनाया गया है। इसके माध्यम से समूह द्वारा तैयार की गई सामग्री को विक्रय हेतु बाजार उपलब्ध कराया जाएगा।

    क्षेत्रीय सांसद के.पी. यादव ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों के साथ-साथ जन-कल्याण के कार्य भी मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में तेजी से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिवपुरी जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। जिले के आस-पास उत्पन्न होने वाले टमाटर, धनिया एवं अन्य उत्पादों के लिये प्रोसेसिंग यूनिट भी उपयोगी साबित होगी। उन्होंने वन क्षेत्र को देखते हुए औषधि निर्माण यूनिट लगाने की आवश्यकता भी बताई।

    कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण चेक प्रदान किए गए। उल्लेखनीय कार्य करने वाले बैंक प्रबंधकों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गए।

    समूह की महिलाओं ने साझा किए अनुभव
    शिवपुरी के ग्राम नोहरीकला निवासी किशोरी रावत, मुढेरी निवासी ज्योति शर्मा, नरवर के बरखड़ी गाँव की सरोज कुशवाह और नगरेला की दुर्गेश राजा ने बताया कि उन्होंने समूह से जुड़कर आर्थिक गतिविधियाँ शुरू की और आज आत्म-निर्भर होकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं का सम्मान भी किया। समूह की महिलाओं ने उनके द्वारा तैयार सामग्री मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों को भेंट की।

    इन महिलाओं को सौंपे चेक
    कार्यक्रम में स्व-सहायता समूह कमला मैया की अध्यक्ष पुष्पा राव, संस्कार समूह की सीमा कुशवाह, सत्संग समूह से कुसमा जाटव, लक्ष्मी समूह से सुमित्रा लोधी और सरस्वती समूह की अध्यक्ष संपत पाल को बैंक ऋण के चैक सौंपे गये। (एजेंसी, हि.स.)

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