भोपाल। मध्यप्रदेश में चर्चा का विषय (Topic of discussion in Madhya Pradesh) बने हुए निजी नर्सिंग कॉलेजों (Private nursing colleges) के बाद अब सरकारी कॉलेजों की भी लापरवाही सामने आने लगी। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में बॉन्ड भरने के बाद चार साल का कोर्स करने वाली छात्राओं को एक साल का समय बीतने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। जबकि ये छात्राएं लगातार चिकित्सा शिक्षा विभाग (Department of Medical Education) से गुहार लगाती रही है।
अब छात्राओं ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया। मंगलवार को बारिश में भी नर्सिंग छात्राएं भोपाल की सड़कों पर उतरीं और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान नर्सिंग छात्राएं सतपुड़ा भवन पहुंचकर अधिकारियों से मिलने की कोशिश की। लेकिन वहां पर उन्हें कोई मिलने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद सतपुड़ा भवन के सामने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।
दर्जनों की संख्या में नर्सिंग छात्राएं छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में सतपुड़ा भवन पहुंची। यहां उन्होंने नियुक्ति की मांगों को लेकर नारेबाजी की और सतपुड़ा भवन का घेराव किया। प्रदर्शनकारी नर्सिंग छात्राओं ने बताया कि शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की छात्राएं है। उनका सेलेक्शन प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (व्यापम) द्वारा किया गया था और चार वर्षों का बीएससी नर्सिंग का कोर्स पूर्ण हो चुका है। छात्राओं ने कहा कि हमारा नर्सिंग का सत्र 2018 से 2022 है। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (व्यापम) द्वारा दी गई प्रवेश नियम के अनुसार चार वर्षीय पाठ्यक्रम करने के पश्चात पांच वर्ष की शासकीय सेवा करने के लिए वचनबद्ध रहने का बॉन्ड भरवाया गया था। हमारी कालेजों से रिलिविंग हुए पूर्ण 1 वर्ष हो चुका है, हम बॉन्डेड छात्राएं हैं।
एनएसयूआई नेता रवि परमार ने कहा कि छात्राओं की जल्द से जल्द पोस्टिंग करवाई जाए। पोस्टिंग न होने की वजह से छात्राओं का एक वर्ष बर्बाद हो चुका है, जिस वजह से छात्राओं को अनेक आर्थिक समस्याओं से गुजारना पड़ रहा है। परमार ने कहा कि तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के कारण नर्सिंग क्षेत्र भ्रष्टाचार और अनीमित्तताओं का अड्डा बन चुका है। नर्सिंग घोटाले में एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। यही कारण है कि न तो एग्जाम समय पर हो पाते हैं और न ही उन्हें पोस्टिंग दी जाती है। परमार ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि नर्सिंग बहनों को यदि जल्द पोस्टिंग नहीं दी जाती तो उग्र प्रदर्शन को मजबूर होंगे।
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