श्योपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर जिले (Sheopur district) स्थित कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) (Kuno National Park (KNP) में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस (International Cheetah Day) के अवसर पर दो चीतों, वायु और अग्नि, को जंगल में छोड़ा गया. कूनो के मुख्य वन संरक्षक और डायरेक्टर, लायन प्रोजेक्ट, उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि यह दोनों चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं।
उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि वायु और अग्नि को कूनो के परोंद वन क्षेत्र में छोड़ा गया है. यह क्षेत्र अहेरा पर्यटन जोन में आता है, जिससे पर्यटक सफारी के दौरान इन चीतों को देख सकते हैं. कूनो नेशनल पार्क में इस समय कुल 24 चीते हैं, जिनमें 12 शावक शामिल हैं. पहले ये चीते बाड़ों में रखे गए थे।
चीतों को जंगल में छोड़ने का यह कदम भारत में विलुप्त हो चुकी चीता प्रजाति को दोबारा बसाने के प्रयास का हिस्सा है. करीब 70 साल पहले भारत में शिकार और आवास की कमी के कारण चीते विलुप्त हो गए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो में छोड़ा था. इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते यहां लाए गए. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीतों को भारत में बसाने की यह परियोजना दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय चीता ट्रांसलोकेशन परियोजना है।
बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस मनाया गया
दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में जन्मे 12 भारतीय चीता शावक अगले डेढ़ से दो साल में पूरी तरह वयस्क हो जाएंगे. 2024 में चीतों के लिए स्थिति 2023 से बेहतर रही, जिसमें 11 नए शावक पैदा हुए और सिर्फ 2 वयस्क और 4 शावकों की मौत हुई. भारत में जन्मे चीते अफ्रीकी चीतों की तुलना में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं।
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