जबलपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब स्थानीय निर्वाचन (local elections ) में केन्द्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी (duty of central employees) नहीं लगाई जा सकेगी। मप्र उच्च न्यायालय (MP High Court) ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि वैधानिक रूप से केंद्रीय अधिकारी-कर्मचारी चुनाव ड्यूटी के लिए बाध्य नहीं हैं। लिहाजा, आगे की तारीखों में इनकी चुनाव ड्यूटी नहीं लगाई जाए। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने कहा कि चुनाव आयोग केंद्रीय कर्मियों के स्थान पर राज्य सरकार के कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगाने स्वतंत्र है।
दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से शुक्रवार को एक आवेदन मप्र उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य खंडपीठ में पेश किया गया, जिसमें कहा गया कि उच्च न्यायालय की अन्य बेंचों ने 24 व 27 जून को पारित आदेशों के तहत केंद्रीय कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में तैनात करने पर रोक लगाई है। इसे हटाया जाए।
वहीं ईपीएफओ, जबलपुर डिवीजन और सेंट्रल जोन इंश्योरेंस कर्मी संघ की ओर से याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें कहा गया कि मप्र नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम 17 व मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 24 के तहत इन चुनावों में केवल राज्य सरकार, स्थानीय निकायों व राज्य सरकार के लोक उपक्रमों के कर्मियों को ही तैनात किया जा सकता है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता केंद्रीय व बीमा कम्पनियों के कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगाई गई है।
इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ में सुनवाई हुई। बहस के दौरान तर्क दिया गया कि न तो वे राज्य सरकार के किसी भी विभाग या उपक्रम के कर्मी हैं और न ही उनकी संस्थाओं को राज्य सरकार प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद करती है। ऐसे में उनकी निकाय चुनावों में ड्यूटी लगाना सर्वथा अनुचित है।
चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने दलील दी कि अदालत के कहने पर स्थगन के बावजूद याचिकाकर्ता संगठनों के तीन-चार कर्मियों को छोड़कर अन्य केंद्रीय कर्मियों ने एक जुलाई को ड्यूटी करने की सहमति दी। इस पर अदालत ने कहा कि कानूनी रूप से बाध्य न होने पर भी याचिकाकर्ता संगठनों के कर्मियों ने एक जुलाई को चुनाव ड्यूटी करने की सहमति देकर उदारता प्रदर्शित की है, लेकिन इस अपवाद को चुनाव आयोग अपना अधिकार न समझे। आगे के चुनाव कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार के अधिकारी व कर्मी तैनात किए जा सकते हैं।
जबलपुर के अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नमः शिवाय अरजरिया ने बताया कि उच्च न्यायालय के इस निर्देश के परिपालन में निर्वाचन ड्यूटी से केंद्र शासन के कर्मचारियों को मुक्त कर उनके स्थान पर राज्य शासन के कर्मचारियों को मतदान दलों में नियुक्त किया जाएगा। मतदान दलों में शामिल किये जा रहे राज्य शासन के इन कर्मचारियों के ड्यूटी आदेश एवं प्रशिक्षण आदेश शनिवार 2 जुलाई और रविवार 3 जुलाई को उनके कार्यालयों में पहुंचाये जाएंगे।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी कार्यालय प्रमुखों को शनिवार और रविवार के अवकाश के दिनों में भी कार्यालय खुले रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि कार्यालय प्रमुखों को जिम्मेदार कर्मचारी की उपस्थिति कार्यालय में सुनिश्चित करना होगी ताकि ड्यूटी आदेश प्राप्त करने के साथ ही सम्बंधित कर्मचारी को समय पर उनकी तामीली भी कराई जा सके। (एजेंसी, हि.स.)
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