इंदौर। सूरज की किरणों (Sun’s rays) से बिजली (Electricity) तैयार कर पर्यावरण सुधार के साथ ही बिजली बिल (Electricity bill) में कमी करने को लेकर पश्चिम मध्य प्रदेश (West Madhya Pradesh) में अच्छा काम हुआ है. इस 12 फरवरी की स्थिति में वेस्ट एमपी यानी मालवा- निमाड़ (Malwa- Nimar) में 25 हजार 250 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर नेट मीटर यानी सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जा रही है. वेस्ट एमपी में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा से बिजली इंदौर शहर में 13 हजार 800 स्थानों पर तैयार हो रही है।
PM सूर्य घर योजना लागू होने के बाद फरवरी 2024 से फरवरी 2025 के दूसरे सप्ताह तक पश्चिम मध्य प्रदेश में बारह हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं ने सौर ऊर्जा उत्पादन किया है. उच्चदाब और निम्न दाब के उपभोक्ताओं द्वारा अब कुल 25 हजार 250 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है. इन स्थानों में घर, बहुमंजिला इमारत, औद्योगिक परिसर, शासकीय कार्यालय की छतें, नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन की छतें, दुकानों की छतें, शासकीय कार्यालयों के पास की खाली जमीन इत्यादि स्थान, परिसर शामिल हैं।
पीएम सूर्य घर योजना लागू होने के बाद पश्चिम मध्यप्रदेश में रूफ टॉप सोलर की कुल उत्पादन क्षमता 220 मेगावॉट से ज्यादा हो गई है. बिजली बिल में बचत, मेरी छत-मेरी बिजली की भावना के साथ ही पर्यावरण सुधार के लिए समर्पण को लेकर वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक उत्साह बना हुआ है. प्रतिदिन रूफ टॉप सोलर के लिए आवेदन बिजली कार्यालय और कंपनी के पोर्टल पर पहुंच रहे हैं।
कहां कितने सोलर प्लांट
इंदौर शहर सीमा में 13800, उज्जैन जिले में 2525, देवास जिले में 1015, रतलाम जिले में 1060, खरगोन जिले में 1050, नीमच जिले में 680, मंदसौर जिले में 670 और बड़वानी जिले में 650 सोलर प्लांट लगे हैं।
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