इंदौर में हैवी ट्रैफिक से बचाने के लिए बायपास का पश्चिमी सर्कल जरूरी
इंदौर। शहर में प्रमुख मार्गों (major routes) पर लंबे समय से ट्रैफिक की समस्या है। इसमें हैवी वाहनों को आउटर बायपास (outer bypass) से गुजरने से शहर के ट्रैफिक (traffic) का भार कम रहेगा तो वाहन चालकों को भी राहत मिलेगी। पश्चिम क्षेत्र (west zone) में तकरीबन 35 किमी के सर्कल को बनाकर एक बायपास का काम लंबे समय से पेंडिंग (pending) चल रहा है, जिस पर अब चर्चा शुरू हो चुकी है। जल्द ही इसका फिर से सर्वे किया जाएगा।
इंदौर ( indore), देवास (dewas), उज्जैन (ujjain), देपालपुर, पीथमपुर (pithampur) , धार और खलघाट (khalghat) इन छह मार्गों से गुजरने वाले हैवी ट्रैफिक (heavy traffic) को बायपास (bypass) के जरिए बाहर बाहर निकालने की योजना लंबे समय से कागजों में चल रही थी। पहले सर्वे भी हुआ, लेकिन निजी जमीन अधिग्रहण को लेकर किसी प्रकार की एक राय नहीं बन पाई। अब एक बार फिर से बायपास (bypass) का क्षेत्र प्रमुख मार्गों से जोडऩे की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों से जानकारी मांगी है। दरअसल इस 35 किमी मार्ग के लिए पैसा केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय देगा, जबकि यहां जमीन अधिग्रहण का काम राज्य सरकार को करवाना है।
यह गांव जुड़ेंगे प्रमुख मार्गों से
एबी रोड के राऊखेड़ी (raukheri) और पीथमपुर (pithampur) के बीच में तकरीबन दो दर्जन गांव भी आ रहे हैं, जिनमें निजी जमीन के अधिग्रहण को लेकर आने वाली समस्या को राज्य सरकार को दूर करना है। इसमें उज्जैन रोड से बारोली, गारीपीपल्या, पंचडेरिया, देपालपुर रोड पर बुड़ानिया, जंबूड़ी हप्सी, रिंझलाय, बिसनावदा, कलारिया, श्रीराम तलावली से गुजरेगा। वहीं इसका एक और अन्य हिस्सा हातोद, रोजड़ी, सांवरियाखेड़ी, धरनावद से भी जाएगा। धार रोड के श्रीराम तलावली, सिंदोड़ी से पीथमपुर की ओर जाना है।
केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत हैं। इंदौर के छह प्रमुख मार्गों को जोडऩे की कवायद को अमलीजामा जल्द ही पहनाया जाएगा। आधिकारिक स्तर पर चर्चा शुरू हो चुकी है। हैवी ट्रैफिक (heavy traffic) वाले वाहनों को सीधे गुजरने से शहर की यातायात व्यवस्था सुगम होगी।
शंकर लालवानी, सांसद
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